पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा होना तुर्किये को भारी पड़ता नजर आ रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत ने न केवल पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, बल्कि उसके समर्थकों को भी कड़ा संदेश दे डाला है। इस अभियान के तहत भारत ने तुर्किये के 350 ड्रोन नष्ट कर दिए और दो ड्रोन संचालकों को भी मार गिराया। अब तुर्किये को राजनयिक मोर्चे के साथ-साथ आर्थिक स्तर पर भी झटका दिया जा रहा है।
भारतीयों का तुर्किये के खिलाफ आक्रोश
तुर्किये के पाकिस्तान के प्रति झुकाव से भारत में आम नागरिकों के बीच गहरी नाराजगी है। प्रधानमंत्री मोदी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते। इसी विचारधारा को समर्थन देते हुए अब आम लोग भी उन देशों से व्यापार नहीं करना चाहते जो आतंक का समर्थन करते हैं।
सेब और पर्यटन पर रोक
तुर्किये से आयातित सेब पर पहले ही कई भारतीय व्यापारियों ने रोक लगा दी है। विशेष रूप से पुणे और हिमाचल प्रदेश के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब मंगवाने से इनकार कर दिया है।
पर्यटन उद्योग ने बदला रुख
बुधवार को ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी अहम फैसला लेते हुए तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा सेवाएं बंद करने की घोषणा की। इसके चलते अब इन देशों के लिए न तो टूर बुकिंग हो रही है और न ही भविष्य की कोई योजना बनाई जा रही है।
भारतीय पर्यटकों ने किया तुर्किये को नजरअंदाज
एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य राजू अकोलकर ने बताया कि अब भारतीय पर्यटक तुर्किये और अजरबैजान जाने से पूरी तरह पीछे हट चुके हैं। हर साल तुर्किये में करीब 3.33 लाख और अजरबैजान में लगभग 2.25 लाख भारतीय पर्यटक जाते थे, जिससे करीब 5000 करोड़ रुपये का टूरिज़्म कारोबार होता था।
अब इन देशों को दी जा रही प्राथमिकता
भारतीय पर्यटक अब ग्रीस, थाईलैंड और अन्य विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। तुर्किये और अजरबैजान को पूरी तरह पर्यटक मानचित्र से हटाया जा चुका है क्योंकि उनका पाकिस्तान के प्रति समर्थन भारत के नागरिकों को अस्वीकार्य है।