राज्य की मईया सम्मान योजना में हेराफेरी करने वालों के विरुद्ध सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिन महिलाओं ने इस योजना का लाभ अनुचित माध्यमों से प्राप्त किया है, उनसे अब संपूर्ण राशि की वापसी की जाएगी। इस दिशा में कई लाभार्थियों को नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें वार्ड प्रतिनिधियों सहित अन्य महिलाएं भी शामिल हैं। सरकार ने इन सभी को भुगतान की गई राशि दो दिन के भीतर लौटाने का आदेश दिया है। यह कदम योजना को अधिक पारदर्शी और पात्र महिलाओं तक सीमित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
शिकायतों के आधार पर हुई जांच में हुआ खुलासा
हाल ही में इस योजना को लेकर अनेक अनियमितताओं की शिकायतें सामने आईं, जिसके बाद प्रशासन द्वारा विस्तृत जांच की गई। जांच के दौरान जमशेदपुर क्षेत्र में वार्ड सदस्यों और उनके परिवारजनों द्वारा फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। कई महिलाओं ने जाली दस्तावेज़ प्रस्तुत कर योजना का लाभ उठाया था। साथ ही, ऐसे परिवारों की महिलाएं भी लाभार्थी पाई गईं जो आर्थिक रूप से सशक्त या सरकारी सेवा से जुड़े थे। जांच में कुल 876 ऐसे लाभार्थी चिन्हित किए गए जो नियमों के अनुसार पात्र नहीं थे।
सभी जिलाधिकारियों को सत्यापन के आदेश
इस मामले में सरकार ने स्पष्ट रूप से सख्त कार्रवाई का संकेत दिया है। जमशेदपुर प्रशासन ने आरोपित वार्ड सदस्यों को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर धनराशि लौटाने का निर्देश दिया है। यदि वे आदेश का पालन नहीं करते, तो उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि योजना से लाभान्वित महिलाओं का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जाए, जिससे केवल उपयुक्त लाभार्थी ही योजना के दायरे में रहें।
आधार लिंकिंग से सुधरेगा सिस्टम
भविष्य में ऐसी अनियमितताओं से बचने के लिए सरकार ने योजना में आधार कार्ड से बैंक खाता जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। अब बिना आधार लिंक किए किसी को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इससे न केवल फर्जीवाड़ा रुकेगा, बल्कि योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो इसके लिए वास्तव में योग्य हैं।