काठमांडू/नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच गहराते तनाव के बीच नेपाल ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि वह क्षेत्रीय अशांति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है और अपनी धरती का उपयोग किसी भी प्रकार की शत्रुतापूर्ण गतिविधियों के लिए नहीं होने देगा। नेपाल सरकार की यह टिप्पणी उस समय आई है जब भारत ने कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया।
दुःख की घड़ी में भारत के साथ खड़ा है नेपाल
नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर नेपाल अत्यंत चिंतित है। हम इस दुखद घड़ी में भारत के साथ खड़े हैं, खासकर तब जब इस आतंकी हमले में एक नेपाली नागरिक की भी जान गई है।” मंत्रालय ने आगे कहा, “नेपाल सरकार इस बात को दोहराती है कि वह अपनी भूमि का उपयोग किसी भी शत्रुतापूर्ण शक्ति द्वारा पड़ोसी देशों के विरुद्ध नहीं होने देगी।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि भारत ने बुधवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और पीओके स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। यह कार्रवाई कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।
पाकिस्तान की जवाबी कोशिश नाकाम
इस ऑपरेशन के बाद गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से जम्मू, पठानकोट और अन्य सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने इन प्रयासों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। इससे पहले भी भारत ने देश के उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में ऐसी ही 15 कोशिशों को विफल किया था।
क्षेत्रीय तनाव पर चिंता
भारत और पाकिस्तान के बीच यह बढ़ता तनाव न सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। नेपाल जैसी शांति प्रिय पड़ोसी राष्ट्रों की प्रतिक्रियाएं यह स्पष्ट करती हैं कि क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है।