पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी मोर्टार गोलाबारी के बीच भारत ने शुक्रवार को धार्मिक स्थलों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने की कड़ी निंदा की। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे पाकिस्तान द्वारा किए गए कृत्यों का “एक नया निम्न स्तर” बताया।
नई दिल्ली में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष मीडिया ब्रीफिंग में मिस्री ने कहा, “हमने देखा है कि पाकिस्तान ने विशेष रूप से गुरुद्वारों, चर्चों और मंदिरों जैसे पूजा स्थलों को निशाना बनाकर गोलाबारी की है। यह व्यवहार पाकिस्तान के लिए भी एक निचला स्तर है।”
विदेश सचिव ने पुंछ जिले में गुरुद्वारे और एक ईसाई स्कूल पर हुए हमलों का उल्लेख करते हुए बताया कि इन हमलों में गुरुद्वारे के रागी समेत सिख समुदाय के कई स्थानीय लोगों की जान चली गई। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा अपने धार्मिक स्थलों को निशाना न बनाए जाने के दावों को झूठा और भ्रामक बताया।
मिस्री ने बताया कि पुंछ में पाकिस्तान द्वारा दागा गया एक मोर्टार क्राइस्ट स्कूल के पीछे गिरा, जो कार्मेलाइट्स ऑफ द मैरी इमैकुलेट कॉन्ग्रिगेशन द्वारा संचालित है। इस हमले में स्कूल के दो छात्रों की मौत हो गई और उनके माता-पिता गंभीर रूप से घायल हुए। एक अन्य गोला एक नन कॉन्वेंट पर गिरा, जिससे पानी की टंकियां और सौर पैनल को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने कहा कि गोलाबारी के दौरान कई पादरी, नन, कर्मचारी और स्थानीय निवासी स्कूल के नीचे बने भूमिगत हॉल में छिपकर अपनी जान बचाने को मजबूर हुए। सौभाग्यवश, उस समय स्कूल बंद था, जिससे और अधिक जान-माल का नुकसान टल गया।
भारतीय सेना ने भी पुंछ में निर्दोष नागरिकों की हत्या की कड़ी निंदा की है और कहा है कि इस तरह की हर उकसावे वाली कार्रवाई का कड़ा और दंडात्मक जवाब दिया जाएगा। गुरुवार रात को भी पाकिस्तान की ओर से सैन्य ठिकानों के साथ-साथ भारतीय शहरों और नागरिक संरचनाओं पर गोलाबारी जारी रही।