भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र देश की राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्थाओं को पूर्ण रूप से हाई अलर्ट पर रखा गया है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पताल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल ने सभी डॉक्टरों, नर्सों, अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी हैं। दोनों संस्थानों ने आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी के निर्देश जारी किए हैं।
एम्स दिल्ली की सख्त चेतावनी
एम्स दिल्ली ने 9 मई 2025 को जारी नोटिस में स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशानुसार अब किसी भी कर्मचारी को चिकित्सीय कारण को छोड़कर कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी। यहां तक कि पहले से स्वीकृत छुट्टियों को भी निरस्त कर दिया गया है, और छुट्टी पर गए सभी अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया गया है। साथ ही, एम्स के सभी विभागों को आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण तैयारी रखने को कहा गया है।
सफदरजंग अस्पताल भी अलर्ट मोड पर
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल की प्राचार्य डॉ. गीतिका खन्ना द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मौजूदा हालात को देखते हुए सभी फैकल्टी और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। आमतौर पर गर्मियों में जब स्टाफ की बड़ी संख्या छुट्टी पर होती है, इस बार सभी को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर लौटने को कहा गया है। डॉक्टरों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अन्य अस्पतालों में भी बढ़ सकती है सख्ती
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के अन्य बड़े अस्पताल जैसे डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भी जल्द ही इसी तरह की सख्ती अपना सकते हैं। गौरतलब है कि एम्स और आरएमएल में 16 मई से गर्मी की छुट्टियों की योजना थी, लेकिन वर्तमान हालात ने इन योजनाओं पर रोक लगा दी है।
दिल्ली पुलिस को भी सतर्क रहने का निर्देश
केवल स्वास्थ्य संस्थान ही नहीं, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को भी हाई अलर्ट पर रखा है। सभी पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। साथ ही, दिल्ली में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल की तैयारियां भी की जा रही हैं ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटा जा सके।
यह समूची व्यवस्था इस बात का संकेत है कि सरकार संभावित आपात स्थितियों के प्रति कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती और हर स्तर पर तैयार रहना चाहती है।