रक्षा मंत्रालय की सख्त चेतावनी: सैन्य ऑपरेशनों की लाइव रिपोर्टिंग से बचें, वरना उठाना पड़ सकता है गंभीर खामियाजा

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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि में, रक्षा मंत्रालय ने सभी मीडिया संस्थानों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और आम नागरिकों के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सैन्य गतिविधियों और ऑपरेशनों की लाइव कवरेज या रियल-टाइम जानकारी साझा करना पूरी तरह से वर्जित है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की रिपोर्टिंग से ऑपरेशन की गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है और जवानों की जान को भी जोखिम हो सकता है।

मंत्रालय ने 1999 के कारगिल युद्ध, 2008 के 26/11 मुंबई आतंकी हमले और कंधार विमान अपहरण जैसी घटनाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे बिना सोचे-समझे की गई रिपोर्टिंग दुश्मन के लिए फायदेमंद साबित हुई थी।

एडवाइजरी में ‘केबल टेलीविजन नेटवर्क नियम, 2021’ की धारा 6(1)(p) का उल्लेख किया गया है, जिसके अंतर्गत अब केवल सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारी ही समय-समय पर सूचनाएं साझा करेंगे। यह कदम खासतौर पर जम्मू, पठानकोट और नौशेरा में पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधियों और घुसपैठ की नाकाम कोशिशों के बाद उठाया गया है।

रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि लापरवाह और असंवेदनशील रिपोर्टिंग से दुश्मन को रणनीतिक बढ़त मिल सकती है। 26/11 के दौरान आतंकियों ने लाइव टीवी देखकर अपनी पोजिशन बदली थी, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की योजना प्रभावित हुई थी।

एडवाइजरी में मीडिया संस्थानों, पत्रकारों और सोशल मीडिया पर सक्रिय नागरिकों से राष्ट्रहित में संयम, समझदारी और जिम्मेदारी के साथ काम करने की अपील की गई है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज या असत्यापित सूचनाएं फैलाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यूपी पुलिस की ‘स्पेशल 6 टीम’ पहले से ही इस तरह की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रही है।

यह कदम देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की दिशा में बेहद आवश्यक है। लाइव कवरेज पर प्रतिबंध से ऑपरेशनों की सफलता की संभावना बढ़ जाती है। जैसा कि 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक में भी देखने को मिला था।