लेखक: संतोष कुमार सिंह
प्रकाशन: RG NEWS 24
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला न केवल भारत की अंतरात्मा को झकझोर गया, बल्कि सैकड़ों परिवारों की खुशियों को भी खाक कर गया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या की गई, जिनमें कई नवविवाहित जोड़े शामिल थे। इन जोड़ों की कहानियां न केवल पीड़ा से भरी हैं, बल्कि उन्होंने पूरे देश को गुस्से और शोक में डुबो दिया। आतंकियों की इस कायराना हरकत का करारा जवाब भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के रूप में दिया। एक ऐसा जवाब जो भारत की सैन्य क्षमता, रणनीतिक तैयारी और संकल्प का प्रतीक बन गया।
सिंदूर मिटा लेकिन साहस नहीं टूटा
इस हमले में मारे गए लोगों की कहानियां किसी भी संवेदनशील व्यक्ति की आंखों में आंसू ला सकती हैं।
• लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, गुरुग्राम निवासी, जो अपनी नवविवाहिता पत्नी हिमांशी के साथ हनीमून पर पहलगाम गए थे, आतंकियों ने उन्हें पत्नी के सामने गोली मार दी।
• प्रियंका शर्मा और उनके पति रोहित शर्मा जयपुर से आए थे। रोहित की वहीं मौके पर मौत हो गई और प्रियंका गंभीर रूप से घायल हुईं।
• अंजलि ठाकुर (शिमला) और स्नेहा पाटिल (पुणे) ने अपने पति विवेक ठाकुर और अमित पाटिल को इस निर्मम हमले में खो दिया।
इन स्त्रियों के माथे से सिंदूर मिटा दिया गया, लेकिन उनके आंसुओं की कीमत भारत सरकार ने आतंकियों से ब्याज समेत वसूली।
ऑपरेशन सिंदूर: बदले की गूंज
26 शहीदों की शहादत का बदला लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की रात 1:44 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। यह कार्रवाई ऐतिहासिक इस मायने में थी कि पहली बार 1971 के युद्ध के बाद भारत की तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया।
कार्रवाई के प्रमुख लक्ष्य:
• लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय, मुरिदके (पाकिस्तान में स्थित)
• जैश-ए-मोहम्मद का गढ़, बहावलपुर (पाक-अधिकृत क्षेत्र में)
• पीओके में स्थित कुल 9 आतंकी ठिकाने, जिनमें गोला-बारूद डिपो, ट्रेनिंग कैंप्स और लॉन्च पैड शामिल थे।
परिणाम:
• ऑपरेशन के दौरान दर्जनों आतंकी मारे गए।
• पाकिस्तान को 48 घंटे के लिए अपना एयरस्पेस बंद करना पड़ा। यह स्पष्ट संकेत है कि वह भारत की कार्रवाई से कितनी बौखलाया और घबराया हुआ था।
• भारत ने संदेश दिया: “Justice is served.”
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत में आम जनता से लेकर सुरक्षा विशेषज्ञों तक, सभी ने इस कार्रवाई की सराहना की। सोशल मीडिया पर ‘#OperationSindoor’ ट्रेंड करता रहा, और लाखों लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी। वहीं, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत की इस निर्णायक नीति का समर्थन किया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि उन महिलाओं के आंसुओं का जवाब है जिनके पति आतंकियों की क्रूरता का शिकार हुए। यह संदेश है कि भारत अब आतंकवाद को सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि उसका जवाब उसी भाषा में देगा जिसमें उसे समझ आता है।
यह ऑपरेशन उन सभी के लिए चेतावनी है जो भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की सोच रखते हैं। और उन वीरों को श्रद्धांजलि है, जिनका सिंदूर मिटाया गया, लेकिन उनकी याद और बलिदान सदा अमर रहेंगे।