उज्जैन (मध्य प्रदेश): प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मंदिर के अवंतिका गेट (गेट नंबर 1) स्थित कंट्रोल रूम की छत पर अचानक भीषण आग लग गई, जिससे पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। आग इतनी भयानक थी कि दूर से ही धुएं के गुबार और आग की लपटें स्पष्ट रूप से देखी जा सकती थीं।
आग लगने की घटना दोपहर के समय हुई, जब कंट्रोल रूम की छत पर स्थित पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम की बैटरियों में अचानक शॉर्ट सर्किट हो गया। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और परिसर में भगदड़ की स्थिति बन गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल श्रद्धालुओं का प्रवेश रोक दिया गया।
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और कुछ ही समय में आग पर काबू पा लिया गया। आग बुझाने के प्रयास में मंदिर समिति के कर्मचारी संतोष पाठक गंभीर रूप से झुलस गए। वह कंट्रोल रूम की छत पर जाकर पाइप हटाकर आग बुझाने का प्रयास कर रहे थे, तभी उनके दोनों हाथ की हथेलियां जल गईं। उन्हें तुरंत मंदिर के अस्पताल में उपचार के लिए भेजा गया, जहां उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर रोशन सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक, नगर निगम कमिश्नर आशीष पाठक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। महाकाल मंदिर प्रशासक ने बताया कि आग पर समय रहते काबू पा लिया गया और इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। केवल पॉल्यूशन कंट्रोल सिस्टम की बैटरियों को नुकसान पहुंचा है।
घटना के बाद मंदिर का गेट दोबारा खोल दिया गया और श्रद्धालुओं का प्रवेश फिर से शुरू कर दिया गया। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जा रही है।