जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उनकी पहली भेंट थी। इस मुलाकात में राज्य की मौजूदा सुरक्षा स्थिति और आतंकी घटनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के संकेत
सूत्रों के अनुसार, उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए किसी भी फैसले में जम्मू-कश्मीर प्रशासन पूरा सहयोग देगा। खास तौर पर पहलगाम हमले का करारा जवाब देने और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच गंभीर विचार-विमर्श हुआ।
यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के कारण सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। केंद्र सरकार की ओर से पाकिस्तान के विरुद्ध सख्त कदम उठाने के संकेत दिए गए हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने की शांति और एकता की अपील
इससे पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने हमले की तीखी निंदा की थी। उन्होंने लोगों से आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया और कहा कि इस तरह की घटनाओं में शामिल लोग मानवता के दुश्मन हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले में मारे गए स्थानीय युवक आदिल हुसैन शाह के घर जाकर शोक-संवेदना व्यक्त की। आदिल, एक पोनी राइड ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था और हमले में मारे गए 26 लोगों में से एक था, बाकी सभी पर्यटक थे।
पाकिस्तान पर तीखी टिप्पणी, कार्रवाई पर चुप्पी
हालांकि फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के खिलाफ केंद्र द्वारा की जा रही कार्रवाई पर टिप्पणी करने से इनकार किया, उन्होंने साफ तौर पर कहा, “यह प्रधानमंत्री का अधिकार क्षेत्र है।” इसके बावजूद उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी के बयानों को बेअसर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे भड़काऊ बयान कश्मीर मसले को सुलझाने में बाधा बनते हैं।