बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग, सभी जिलों में ईवीएम की जांच प्रक्रिया शुरू

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पटना। आगामी बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 की तैयारियों को लेकर चुनाव आयोग ने राज्यभर में ईवीएम मशीनों की फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC) प्रक्रिया का शुभारंभ कर दिया है। यह महत्त्वपूर्ण कार्यवाही 2 मई 2025 से शुरू होकर 30 जून 2025 तक चरणबद्ध रूप से पूरी की जाएगी। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदान में उपयोग की जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की कार्यक्षमता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।

13 जिलों में पहले चरण की शुरुआत

एफएलसी की प्रक्रिया का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) की 13 विशेषज्ञ टीमों द्वारा किया जा रहा है। इन टीमों में कुल 189 इंजीनियरों को प्रतिनियुक्त किया गया है। पहले चरण में यह प्रक्रिया किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया, बांका, दरभंगा, नालंदा, बेगूसराय, गया, पूर्वी चंपारण, सारण, सिवान, पटना और सीतामढ़ी जिलों में शुरू की गई है।

पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर विशेष जोर

एफएलसी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के अधिकृत जिला प्रतिनिधियों को एफएलसी शेड्यूल की सूचना दो दिन पूर्व ही उपलब्ध कराई जा रही है। केवल उन्हीं प्रतिनिधियों को एफएलसी स्थलों पर निरीक्षण की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा पहचान-पत्र जारी किए गए हैं।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी

एफएलसी स्थलों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। प्रत्येक प्रवेशकर्ता की मेटल डिटेक्टर से जांच की जा रही है और पूरे स्थल की सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही है। गैर-प्राधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके अलावा, एफएलसी स्थलों पर किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग पर भी रोक लगाई गई है।

नियंत्रण कक्ष और वेबकास्टिंग से रियल टाइम मॉनिटरिंग

हर जिले में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जहाँ से एफएलसी प्रक्रिया की वेबकास्टिंग के माध्यम से रियल टाइम निगरानी की जा रही है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी स्वयं प्रतिदिन एफएलसी स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं, ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की चूक न हो।

एफएलसी के बाद साझा की जाएगी रिपोर्ट

एफएलसी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद, जिन मशीनों को जांच में पास घोषित किया जाएगा, उनकी सूची सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाएगी। यह कदम चुनाव की पारदर्शिता और भरोसेमंदी को और मजबूत करेगा।

चुनाव आयोग के इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।