इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को छह माह बाद मिली जमानत, देशद्रोह के आरोप में थे जेल में बंद

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ढाका/चटगांव,छह महीने से बांग्लादेश की जेल में बंद इस्कॉन के वरिष्ठ पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को आखिरकार राहत मिल गई है। बांग्लादेश हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। उल्लेखनीय है कि चिन्मय कृष्ण दास को नवंबर 2024 में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वे चटगांव जेल में बंद थे।

चिन्मय कृष्ण दास के जमानत याचिका को हाल ही में चटगांव मेट्रोपोलिटन सेशन कोर्ट के जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने खारिज कर दिया था, यह कहते हुए कि उनके पास किसी अधिवक्ता का लेटर ऑफ अटॉर्नी उपलब्ध नहीं था। इसके बाद बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और मानवाधिकार कार्यकर्ता रवींद्र घोष ने स्वयं चटगांव जाकर चिन्मय कृष्ण दास के पक्ष में हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जहां आखिरकार उन्हें न्याय मिला।

धार्मिक सेवा और पहचान:

चिन्मय कृष्ण दास, जो चटगांव के सातकानिया उपजिला से हैं, बाल्यावस्था से ही धार्मिक प्रवचनों के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। उन्हें उनकी कम उम्र में प्राप्त लोकप्रियता और प्रभावी वाणी के कारण ‘शिशु वक्ता’ के नाम से जाना गया। वे 2007 से चटगांव के हाथाजारी स्थित पुंडरिक धाम के प्रधान रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2016 से 2022 तक उन्होंने इस्कॉन चटगांव के सचिव पद पर भी कार्य किया।

समर्थन और प्रतिक्रिया:

चिन्मय कृष्ण दास के अनुयायियों और इस्कॉन समुदाय में उनकी जमानत को लेकर गहरी राहत और प्रसन्नता है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस घटनाक्रम पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और इसे न्याय की जीत बताया है।

अब देखना यह होगा कि आगे की कानूनी कार्यवाही में इस मामले को कैसे सुलझाया जाता है और देशद्रोह के आरोपों को लेकर अदालत क्या निर्णय लेती है।