22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को सदमे और आक्रोश से भर दिया है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, और देश भर में शोक और गुस्से की लहर दौड़ पड़ी। केंद्र सरकार ने इस हमले के बाद पाकिस्तान को करारा जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी है। इसी बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकियों को हर हाल में इसकी कीमत चुकानी होगी।
राहुल गांधी का कड़ा बयान
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा, “दहशतगर्दों ने पहलगाम में निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया है। यह पूरी तरह से अमानवीय और कायराना हरकत है। उन्हें इसका गंभीर अंजाम भुगतना होगा। उन्हें ऐसा सबक सिखाना होगा कि भविष्य में दोबारा ऐसी हरकत करने की हिम्मत न हो।”
राहुल गांधी ने यह भी बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी के परिजनों से मुलाकात की, जो इस हमले में जान गंवाने वालों में शामिल थे। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों की मांग है कि सरकार मृतकों को शहीद का दर्जा दे, ताकि उनका बलिदान व्यर्थ न जाए।
सरकार को विपक्ष का समर्थन
राहुल गांधी ने कहा, “मैं इस बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि यह हमला कैसे हुआ, लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि जिन्होंने भी ऐसा किया है, चाहे वे कहीं भी हों, उन्हें इसकी पूरी कीमत चुकानी होगी—आधे-अधूरे मन से नहीं, पूरी ताकत से। उन्हें याद रखना होगा कि भारत के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष और सरकार के बीच हुई बैठक में सभी ने एक स्वर में सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही है। “अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ठोस कार्रवाई करनी होगी। पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा है,” राहुल गांधी ने जोड़ा।
पाकिस्तान पर दबाव
इस हमले के बाद भारत सरकार के कड़े रुख से पाकिस्तान में घबराहट देखी जा रही है। मोदी सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सिंधु जल संधि को रोकने का निर्णय लिया और भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और इज़राइल जैसे देशों ने भी भारत का समर्थन किया है, जिससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति और अधिक कमजोर हो गई है।
इस आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख यह संकेत देता है कि देश अब हर हमले का जवाब निर्णायक रूप से देगा और आतंकवाद को जड़ से मिटाने के लिए एकजुट होकर कार्रवाई करेगा।