जस्टिस बी.आर. गवई होंगे देश के अगले मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

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जस्टिस बी.आर. गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) होंगे। राष्ट्रपति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और वे 14 मई को पदभार ग्रहण करेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो रहा है।

केंद्र सरकार को भेजी गई थी अनुशंसा

निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, 16 अप्रैल को जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस गवई के नाम की अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजी थी। जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीनों का होगा और 23 दिसंबर 2025 को उनके 65 वर्ष पूर्ण होने पर वह सेवानिवृत्त होंगे। वह वर्तमान सीजेआई के बाद सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।

दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे

जस्टिस गवई की नियुक्ति ऐतिहासिक है क्योंकि वे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे हैं। उनका जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती में हुआ था। उन्होंने 16 मार्च 1985 को वकालत से अपने करियर की शुरुआत की। प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने दिवंगत बार. राजा एस. भोसले के अधीन कार्य किया, जो महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता और हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे।

पेशेवर जीवन और योगदान

1987 से 1990 तक उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की और इसके बाद मुख्य रूप से नागपुर खंडपीठ में संवैधानिक और प्रशासनिक मामलों में वकालत की। वे नागपुर और अमरावती नगर निगमों, अमरावती विश्वविद्यालय, सीकोम, डीसीवीएल तथा अन्य स्वायत्त संस्थाओं के स्थायी वकील रहे।

उन्हें अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक सहायक सरकारी अभिभाषक और अतिरिक्त लोक अभियोजक नियुक्त किया गया। फिर 17 जनवरी 2000 को वे सरकारी अभिभाषक और लोक अभियोजक बने। 14 नवंबर 2003 को वे बॉम्बे हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश बने और 12 नवंबर 2005 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।