जम्मू: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में भी दिखने लगा है। जम्मू के त्रैवा गांव में लोग एहतियात के तौर पर सार्वजनिक और निजी बंकरों की सफाई में जुट गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
त्रैवा गांव में सरकार द्वारा बनाए गए बंकर अब जीवनरक्षक ढाल बनने की तैयारी में हैं। स्थानीय लोग दिनभर अपने घरेलू और खेती-बाड़ी के कामों से निपटने के बाद बंकरों की सफाई में जुट जाते हैं। गांव की सरपंच बलबीर कौर ने बताया कि पुलवामा हमले की यादें आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं और इस बार गांववाले पूरी मजबूती से सरकार के साथ खड़े हैं। बलबीर कौर ने कहा, “हमारी जनता बिना हथियार के सिपाही है। अगर हम डर गए तो फिर देश का हौसला कौन बनाए रखेगा?”
महिलाएं निभा रही हैं मोर्चा
त्रैवा गांव की महिलाएं भी इस मुहिम में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। घर के सारे काम निपटाने के बाद वे अन्य महिलाओं के साथ मिलकर बंकरों की सफाई कर रही हैं। गांव की एक निवासी तेरिका ने बताया, “अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को उसके किए की सजा दी जाए। हम तैयार हैं और बंकरों को भी तैयार कर रहे हैं।”
तेजी से सफाई का काम
त्रैवा गांव के अधिकतर बंकरों की सफाई पूरी कर ली गई है और शेष बंकरों को भी अगले कुछ दिनों में तैयार कर लिया जाएगा। गांव के पुरुष जहां खेतों की कटाई में लगे हैं, वहीं महिलाएं बंकरों को युद्ध जैसी आपात स्थितियों के लिए सुरक्षित बनाने में जुटी हुई हैं।
गांववालों का जज्बा बता रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोग हर चुनौती का डटकर सामना करने के लिए तैयार हैं। संकट की इस घड़ी में त्रैवा गांव का साहस पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।