पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के जवाबी ऐक्शन से पाकिस्तान की घबराहट साफ दिखाई दे रही है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार के फैसले ने पाकिस्तान की चिंता और बढ़ा दी है। इस आशंका ने कि भारत यदि जल प्रवाह रोकता है तो पाकिस्तान को भारी तबाही का सामना करना पड़ेगा, इस्लामाबाद को विश्व मंचों पर गुहार लगाने को मजबूर कर दिया है। इसी कड़ी में शनिवार देर रात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियान से बातचीत कर क्षेत्रीय तनाव पर चर्चा की।
ईरान को शोक संदेश, बीच में उठाया कश्मीर का राग
औपचारिक रूप से यह बातचीत ईरान के बंदर अब्बास स्थित शाहिद राजाई बंदरगाह पर हुए भीषण विस्फोट को लेकर संवेदना प्रकट करने के लिए की गई थी। इस हादसे में कम से कम 15 लोगों की मौत और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर जानकारी देते हुए कहा, “मैंने राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियान से बात कर इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।”
हालांकि, इस दौरान शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को भी बीच में उठाते हुए भारत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हमने क्षेत्रीय स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पाकिस्तान ने क्षेत्र में शांति की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सभी स्वरूपों में आतंकवाद की निंदा की।”
सिंधु जल संधि को लेकर जताई चिंता
बातचीत के दौरान शरीफ ने भारत के सिंधु जल संधि पर लिए कदम को लेकर ईरानी राष्ट्रपति के सामने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों को हथियार बनाना अस्वीकार्य है और पाकिस्तान हर कीमत पर अपने अधिकारों की रक्षा करेगा। इसी क्रम में उन्होंने कश्मीरियों के लिए पाकिस्तान के समर्थन को भी दोहराया।
दोहरा चेहरा उजागर
शहबाज शरीफ के बयान पाकिस्तान की दोहरी नीति को बेनकाब करते हैं। एक ओर वह क्षेत्रीय शांति की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार ने पहलगाम हमले जैसे बर्बर आतंकी हमले पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।