पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक करीब दो घंटे चली। बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन भी रखा गया।
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में पहलगाम हमले की विस्तृत जानकारी साझा की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने इस नृशंस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में सुरक्षा व्यवस्था में हुई संभावित चूक पर गंभीरता से चर्चा की गई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार को इस मसले पर विपक्ष का पूरा सहयोग देने का आश्वासन देते हुए कहा, “हम आतंकवाद के खिलाफ सरकार की हर कार्रवाई में उसके साथ खड़े हैं।”
टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने भी सुरक्षा चूक की ओर ध्यान दिलाया और कहा कि सभी दल इस संकट की घड़ी में एकजुट हैं।
बैठक में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि रक्षा मंत्री ने पहले ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में इस हमले को लेकर भारत सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार इस हमले को बेहद गंभीरता से ले रही है और “कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मंशा रखती है।”
बैठक में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, विदेश मंत्री एस जयशंकर, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, राकांपा से सुप्रिया सुले और श्रीकांत शिंदे, राजद से प्रेम चंद गुप्ता, द्रमुक से तिरुचि शिवा, बीजद से सस्मित पात्रा, आप से संजय सिंह, वाईएसआरसी से मिथुन रेड्डी और टीएमसी से सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल थे।
कड़े कदम उठाने के संकेत
बैठक में भारत सरकार ने संकेत दिया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम न लगने तक भारत सिंधु जल संधि को लागू नहीं करेगा। इसके साथ ही अटारी चेक पोस्ट अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने का निर्णय लिया गया है।
यह सर्वदलीय बैठक देश की एकता और आतंकी घटनाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सभी दलों का समर्थन यह दर्शाता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर पूरा देश एक स्वर में खड़ा है।