जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से से भर दिया है। इस हमले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और नागरिकों की एक ही मांग है—दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की अहम बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
यह रहे भारत सरकार के वो 5 बड़े फैसले, जिनसे पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी:
1. सिंधु जल संधि का निलंबन:
भारत ने 1960 में हुई ऐतिहासिक सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। यह कदम तब तक प्रभावी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को स्पष्ट रूप से बंद नहीं करता।
2. अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) का बंद होना:
भारत-पाकिस्तान के बीच प्रमुख प्रवेश बिंदु अटारी ICP को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, वैध दस्तावेजों के साथ भारत आए पाकिस्तानी नागरिक 1 मई 2025 से पहले इसी मार्ग से लौट सकेंगे।
3. SAARC वीज़ा छूट योजना रद्द:
SAARC वीज़ा एग्जेम्प्शन स्कीम (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दी गई वीज़ा छूट को रद्द कर दिया गया है। पहले से जारी वीज़ा भी अब अमान्य माने जाएंगे और ऐसे वीज़ा पर भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
4. रक्षा सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करना:
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही भारत ने अपने समकक्ष सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का भी निर्णय लिया है। दोनों देशों के उच्चायोगों से पाँच-पाँच सहायक स्टाफ भी हटाए जाएंगे।
5. उच्चायोगों में स्टाफ कटौती:
भारत और पाकिस्तान के उच्चायोगों में तैनात कर्मचारियों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 किया जाएगा। यह कटौती प्रक्रिया 1 मई 2025 तक पूरी की जाएगी।
इन कड़े फैसलों से भारत ने यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद के मुद्दे पर अब कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान को अपने रवैये में बदलाव लाना ही होगा, वरना परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं।