जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में इंसानियत को शर्मसार करता हमला
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं, जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इस बर्बर हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है।
धर्म पूछकर की गई निर्मम हत्या
हमले से बचे चश्मदीदों ने बताया कि आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और उन्होंने लोगों से उनका नाम और धर्म पूछा। जिसके बाद वे सिर्फ इसलिए लोगों को मारने लगे क्योंकि वे हिंदू थे। एक महिला ने बताया, “मैं और मेरे पति भेलपुरी खा रहे थे। आतंकी आए और बोले, ‘ये मुस्लिम नहीं लग रहे, इन्हें मार दो।’ फिर मेरे पति को गोली मार दी गई।”
वीडियो में छलकता दर्द
हमले के बाद सोशल मीडिया पर कई दिल दहला देने वाले वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में एक महिला अपने घायल पति को कुर्सी पर बैठाकर मदद की गुहार लगाती दिख रही है – “प्लीज मेरी मदद करो, इन्हें गोली लगी है।” वहीं एक दूसरी महिला अपने बेटे के लिए चीख-चीखकर मदद मांग रही है – “कोई मेरे बेटे को बचा लो, वो वहां घास में पड़ा है।”
घोड़ों और हेलिकॉप्टर से चलाया गया रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना के बाद स्थानीय लोग और प्रशासन घायलों को घोड़ों और हेलिकॉप्टर की मदद से नीचे लाए। एक महिला ने रोते हुए बताया, “मेरे पति को सिर में गोली लगी है।” इस पूरी घटना ने घाटी में दहशत और मातम का माहौल पैदा कर दिया है।
राष्ट्रीय शोक और कड़ी निंदा
इस हमले के बाद देशभर में गुस्सा और शोक की लहर है। केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों के नेताओं ने इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द से जल्द सज़ा दिलाने की मांग की है।
यह हमला न केवल आतंक की विभीषिका को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि आतंकवादी अब इंसानियत और धर्मनिरपेक्षता की हर सीमा लांघ चुके हैं। धर्म के नाम पर इस तरह की बर्बरता को देश कभी माफ नहीं करेगा।