एक राष्ट्र-एक चुनाव पर जेपीसी की अहम बैठक आज, सात घंटे तक चलेगी; चार सत्रों में विशेषज्ञों से संवाद

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‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ के मुद्दे पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की महत्वपूर्ण बैठक आज, 22 अप्रैल को आयोजित की जा रही है। यह बैठक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगी और इसे चार सत्रों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक सत्र में देश के प्रमुख कानूनी विशेषज्ञों से विस्तार से चर्चा की जाएगी।

बैठक का पहला सत्र सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता के साथ होगा। दूसरे सत्र में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसएन झा से बातचीत की जाएगी। तीसरे सत्र में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं भारत के 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बीएस चौहान शामिल होंगे। अंतिम सत्र राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी के साथ आयोजित किया जाएगा।

जेपीसी की वेबसाइट जल्द होगी लॉन्च

जेपीसी के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने जानकारी दी कि समिति की आधिकारिक वेबसाइट जल्द ही क्यूआर कोड की सुविधा के साथ लॉन्च की जाएगी। इस वेबसाइट के माध्यम से आमजन एवं सभी हितधारक अपनी राय और सुझाव साझा कर सकेंगे। समिति ने निर्णय लिया है कि एक व्यापक विज्ञापन सभी भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा, ताकि देश के हर कोने से सुझाव प्राप्त किए जा सकें। वेबसाइट का तकनीकी विकास जारी है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक उपयोगकर्ताओं के बावजूद साइट क्रैश न हो।

राज्यों का दौरा करेगी समिति

जेपीसी देशभर में विभिन्न राज्यों का दौरा कर वहां के लोगों और हितधारकों की राय जुटाएगी। इसकी शुरुआत महाराष्ट्र से होगी, जिसके बाद मई में उत्तराखंड का दौरा निर्धारित है। जून महीने में समिति जम्मू-कश्मीर, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा का दौरा भी करेगी।

एक राष्ट्र-एक चुनाव की आवश्यकता

समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि भारत में हर 5-6 महीने में चुनाव होते रहते हैं, जिससे सांसद और विधायक लगातार चुनावी मोड में रहते हैं। इससे विकास कार्यों की गति बाधित होती है। उनका मानना है कि यदि लोकसभा, विधानसभा, पंचायत, नगरपालिका और अन्य चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो प्रशासनिक व्यवस्था अधिक कुशल हो सकेगी और भारत को 2047 से पहले ही एक विकसित राष्ट्र बनाया जा सकता है।

पिछली बैठक 25 मार्च को हुई थी

जेपीसी की पिछली बैठक 25 मार्च को आयोजित की गई थी, जो पांच घंटे से अधिक चली थी। उस बैठक में दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने अपनी राय रखी थी। समिति अध्यक्ष चौधरी ने तब भी दोहराया था कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ राष्ट्रहित में एक दूरदर्शी और आवश्यक कदम है।

यह बैठक देश के चुनावी ढांचे में संभावित परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जा रही है।