प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, 21 अप्रैल को, राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के अवसर पर देशभर के लोक सेवकों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम कार्मिक मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान करेंगे। ये पुरस्कार उन जिलों और केंद्र/राज्य सरकारों को दिए जाएंगे जिन्होंने प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों और नवाचारों को प्रभावी रूप से लागू किया है।
कार्यक्रम की विशेषताएं:
प्रधानमंत्री इस अवसर पर समग्र विकास और नवाचारों पर आधारित ई-पुस्तकें भी जारी करेंगे, जिनमें सफलता की कहानियों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, पुरस्कार विजेता पहलों पर आधारित एक विशेष फिल्म भी प्रदर्शित की जाएगी।
यह सातवीं बार होगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस समारोह को संबोधित करेंगे।
राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस: एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
21 अप्रैल 1947 को सरदार वल्लभ भाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाफ हाउस में अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। उन्होंने सिविल सेवकों को “देश की स्टील फ्रेम” कहकर संबोधित किया और उन्हें निष्पक्ष, निष्ठावान और समर्पित सेवा की प्रेरणा दी। 2006 से इस दिन को राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
किस तरह मनाया जाता है लोक सेवा दिवस?
इस दिन केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों को वर्षभर किए गए असाधारण कार्यों के लिए सम्मानित किया जाता है। साथ ही, अधिकारी आगामी योजनाओं पर विचार-विमर्श करते हैं और अपने विचार साझा करते हैं। कई संस्थानों में लोक सेवकों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जहां वे अपने अनुभव साझा करते हैं और युवाओं को मार्गदर्शन देते हैं।
‘सिविल सर्वेंट’ शब्द की उत्पत्ति
‘सिविल सर्वेंट’ शब्द का प्रचलन ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के समय से हुआ। वॉरेन हेस्टिंग्स ने इन सेवाओं की शुरुआत की थी, जबकि चार्ल्स कॉर्नवॉलिस ने इसमें सुधार कर इन्हें संगठित किया, जिस कारण उन्हें भारत में नागरिक सेवाओं का पिता कहा जाता है।