कानपुर,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हेलिकॉप्टर शनिवार को उस समय हादसे का शिकार होने से बच गया जब वह कानपुर से लखनऊ के लिए उड़ान भर रहा था। यह घटना चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के हेलीपैड पर हुई, जहां CM योगी विकास परियोजनाओं की समीक्षा के बाद रवाना हो रहे थे। हेलिकॉप्टर जैसे ही हवा में उठा, तेज हवाओं के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह 15-20 फीट की ऊंचाई पर डगमगाने लगा।
तेज हवाओं से बिगड़ा नियंत्रण, गोल-गोल घूमने लगा हेलिकॉप्टर
दोपहर करीब 4:35 बजे जब CM योगी ने उड़ान भरी, हेलिकॉप्टर ने 90 डिग्री मोड़ के साथ उड़ान की शुरुआत की। लेकिन अचानक तेज हवाओं ने उसका संतुलन बिगाड़ दिया और वह अधिक घूम गया। हेलिकॉप्टर कुछ ही देर में अनियंत्रित होकर गोल-गोल घूमने लगा। जमीन से महज 15-20 फीट की ऊंचाई पर यह दृश्य देख वहां मौजूद लोग घबरा गए।
पायलट की त्वरित सूझबूझ से सुरक्षित आपात लैंडिंग
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए पायलट ने त्वरित निर्णय लिया और फैन की गति कम कर दी। हेलीपैड पर उतरना मुश्किल देख पायलट ने पास ही स्थित एक घास के मैदान को सुरक्षित समझकर वहां हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग कराई। कुछ देर बाद स्थिति सामान्य होने पर दोबारा उड़ान भरी गई और मुख्यमंत्री सुरक्षित लखनऊ पहुंचे।
विधायक समेत अधिकारी रहे स्तब्ध
घटना के समय मौजूद गोविंद नगर से विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया, “हम सभी लोग भौचक्के रह गए। पहली बार देखा कि CM का हेलिकॉप्टर हेलीपैड पर न उतरकर घास के मैदान में उतरा।” मौके पर मौजूद अन्य अधिकारी, मंत्री और सुरक्षाकर्मी भी इस अप्रत्याशित घटना से स्तब्ध रह गए। पायलट की दक्षता और सूझबूझ की सर्वत्र सराहना हो रही है।
PM मोदी के दौरे की तैयारियों का था निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 24 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित कानपुर दौरे की तैयारियों की समीक्षा के लिए था। उन्होंने मेट्रो स्टेशन, पनकी पावर प्लांट सहित 225 विकास परियोजनाओं की प्रगति का निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने मेट्रो में सफर कर अधिकारियों संग बैठक भी की।
पहले भी आ चुकी हैं तकनीकी दिक्कतें
यह पहला मौका नहीं है जब CM योगी के हेलिकॉप्टर या विमान में समस्या आई हो। 26 मार्च 2025 को आगरा में उनके विमान में तकनीकी खराबी आने से उड़ान रद्द करनी पड़ी थी। उस समय विमान को खेरिया एयरपोर्ट पर उतारकर दिल्ली से दूसरा विमान मंगवाया गया था। जून 2022 में वाराणसी में भी हेलिकॉप्टर को पक्षी टकराने के कारण आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी।
मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में उत्तर भारत में तेज हवाएं और अचानक मौसम परिवर्तन आम हैं, जो हेलिकॉप्टर उड़ानों को प्रभावित कर सकते हैं। कानपुर की इस घटना में भी तेज हवाओं को ही कारण बताया गया, हालांकि अभी तक कोई तकनीकी जांच या औपचारिक निरीक्षण नहीं किया गया है।
सावधानी का संकेत, पायलट की भूमिका सराहनीय
यह घटना भले ही बड़ी दुर्घटना में नहीं बदली, लेकिन इसने हेलिकॉप्टर उड़ानों में मौसम और तकनीकी सावधानियों की अहमियत को रेखांकित किया है। पायलट की त्वरित और कुशल कार्रवाई ने संभावित बड़े हादसे को टाल दिया। साथ ही इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को प्रधानमंत्री के आगामी दौरे से पहले अतिरिक्त सतर्कता बरतने का संकेत भी दिया है।