कर्नाटक के शिवमोगा जिले में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) से पहले कुछ छात्रों से जबरन जनेऊ और रक्षा सूत्र उतरवाने का मामला सामने आने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। इस घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर तीखा हमला बोला है।
प्रेम शुक्ला ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “जिस प्रकार औरंगजेब को जनेऊ से नफरत थी, ठीक उसी प्रकार सिद्धारमैया सरकार को भी हिंदुओं के प्रतीकों जैसे जनेऊ और कलावा से नफरत है। यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया आपराधिक कृत्य है।” उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंचाकर जिहादी मानसिकता को बढ़ावा दे रही है।
यह मामला शिवमोगा के आदिचुंचनगिरी पीयू कॉलेज से जुड़ा है, जहां सीईटी परीक्षा देने आए छात्रों को प्रवेश से पूर्व रोका गया। आरोप है कि कॉलेज गेट पर तैनात गार्ड ने दो छात्रों से जनेऊ और हाथ में बंधे रक्षा सूत्र उतरवाए। एक अन्य छात्र जब जनेऊ उतारने से मना करता रहा तो उसे 15 मिनट तक गेट पर ही रोककर रखा गया। हालांकि, अंततः उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गई।
मामले पर राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एम.सी. सुधाकर ने प्रतिक्रिया देते हुए जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों से धार्मिक प्रतीकों को उतारने के निर्देश दिए गए हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
प्रेम शुक्ला ने इस मौके पर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मिथुन चक्रवर्ती जो कह रहे हैं, वही बात पश्चिम बंगाल के पीड़ित नागरिक भी कह रहे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इसे गंभीर माना है, तभी तो केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया गया। इसके बाद ही मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटनाएं थमी हैं।”
यह पूरा मामला एक बार फिर धार्मिक प्रतीकों और आस्था से जुड़ी संवेदनशीलता को लेकर राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है। सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि गलती किस स्तर पर हुई है।