‘पहले शरीयत, फिर संविधान’ बयान पर कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला, बताया मंत्री की निजी राय

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रांची: झारखंड सरकार में गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के उस विवादित बयान से दूरी बना ली है, जिसमें उन्होंने शरीयत को संविधान से ऊपर बताया था। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने स्पष्ट किया कि यह बयान पूरी तरह से मंत्री की व्यक्तिगत सोच है और पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

सिन्हा ने कहा कि अब इस मुद्दे को फिर से उठाना न तो लोकतंत्र के हित में है और न ही सामाजिक सौहार्द के लिए उचित है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हर बात का एक समय होता है और यह मामला अब समाप्त हो चुका है।”

राकेश सिन्हा ने आगे कहा कि हफीजुल हसन कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं, और वे किस संदर्भ में यह बात कह रहे थे, यह वही बेहतर बता सकते हैं।

गौरतलब है कि हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मंत्री हसन ने कहा था, “मेरे लिए शरीयत सर्वोपरि है। एक मुसलमान कुरान को दिल में और संविधान को हाथ में रखता है। इसलिए पहले शरीयत, फिर संविधान।” इस बयान पर बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया और उन्होंने संविधान के खिलाफ कुछ नहीं कहा।

हालांकि, उनकी सफाई के बावजूद बीजेपी ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखा है और बयान को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की मांग की है।