नेशनल हेराल्ड मामले में बड़ी कार्रवाई, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट दाखिल

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नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। यह कार्रवाई उन 700 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों की जब्ती प्रक्रिया के बाद की गई है, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के नाम पर हैं और जिनसे गांधी परिवार की जुड़ी कंपनी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ संबंधित है। इन संपत्तियों में दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की कई प्रमुख प्रॉपर्टीज शामिल हैं, जिनमें दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित ‘हेराल्ड हाउस’ भी शामिल है।

राहुल-सोनिया के अलावा इन नामों का भी जिक्र

ईडी ने इस कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी, सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस ओवरसीज के प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य के खिलाफ दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। चार्जशीट 9 अप्रैल को विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दाखिल की गई थी। न्यायालय ने चार्जशीट की समीक्षा की और अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है, जिसमें ईडी और जांच अधिकारी के वकील केस डायरी भी प्रस्तुत करेंगे।

चार्जशीट पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे सरकार की बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा, “नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को जब्त करना कानून का मुखौटा ओढ़े एक राज्य प्रायोजित अपराध है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करना सिर्फ राजनीतिक बदले और डराने की रणनीति है। लेकिन कांग्रेस और उसका नेतृत्व न तो झुकेगा, न चुप रहेगा। सत्यमेव जयते।”

ईडी का पक्ष क्या है?

ईडी का कहना है कि यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत की जा रही है। AJL नामक कंपनी, जो ‘नेशनल हेराल्ड’ का प्रकाशन करती है, अब यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। सोनिया और राहुल गांधी इस कंपनी में 38% हिस्सेदारी रखते हैं, जिससे वे इसके सबसे बड़े शेयरधारक बनते हैं।

कानून की किन धाराओं के तहत हो रही कार्रवाई?

ईडी के अनुसार, यह जांच PMLA 2002 की धारा 8 के तहत की जा रही है। इसके अलावा, मनी लॉन्ड्रिंग (अटैच की गई अथवा फ्रीज की गई संपत्तियों के कब्जे) नियम, 2013 के तहत भी जरूरी प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं। इसका सीधा अर्थ है कि एजेंसी जब्त की गई संपत्तियों पर अधिकार प्राप्त करने के लिए वैधानिक कदम उठा रही है।