मुर्शिदाबाद हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त, केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश

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वक्फ कानून को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भड़की हिंसा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसी घटनाओं पर वह आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकता। हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति बहाली के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया है।

शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई

यह आदेश भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया। न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बलों को भी तैनात किया जाएगा।

राज्य सरकार की दलील

राज्य सरकार की ओर से वकील कल्याण बनर्जी ने शुरुआत में केंद्रीय बलों की तैनाती का विरोध किया, लेकिन बाद में वे इसके लिए तैयार हो गए। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार पहले ही मुर्शिदाबाद रवाना हो चुके हैं और बीएसएफ से भी सहयोग लिया जा रहा है। सरकार ने यह भी जानकारी दी कि अब तक 131 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इलाके में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल और बीएसएफ की 6 कंपनियां तैनात की गई हैं।

अनुच्छेद 355 का हवाला

शुभेंदु अधिकारी की ओर से वकील सौम्या मजूमदार ने दलील दी कि हिंसा सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में हो रही है, जहां पुलिस नियंत्रण स्थापित करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 355 के तहत केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने का अधिकार है, जब राज्य में आंतरिक अशांति हो और नागरिकों की सुरक्षा खतरे में हो।

कोर्ट का दो टूक रुख

कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि जब ऐसे गंभीर आरोप सामने आते हैं, तो अदालत मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती। अदालत ने हिंसा की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई का निर्देश देते हुए कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।

शुभेंदु अधिकारी की प्रतिक्रिया

कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि यह ममता सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट का फैसला जनता की आवाज का सम्मान है और यह जनहित में लिया गया सही निर्णय है।

मुर्शिदाबाद की हिंसा पर हाईकोर्ट की यह सख्ती बताती है कि कानून-व्यवस्था को लेकर कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना होगा कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बाद हालात किस हद तक काबू में आते हैं।