मध्य प्रदेश के गुना जिले में शनिवार को हनुमान जयंती का जुलूस उस समय हिंसक हो उठा, जब यह कर्नलगंज इलाके में स्थित एक मस्जिद के समीप से गुजर रहा था। दो समुदायों के बीच पहले नारेबाजी हुई, जिसके बाद देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। इस अप्रत्याशित झड़प के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
कैसे भड़का विवाद
गुना के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि जुलूस जब मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तभी दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हुई। नारेबाजी ने जल्द ही उग्र रूप ले लिया और पथराव शुरू हो गया। कुछ लोग इस पत्थरबाजी में घायल हो गए।
एसपी सिन्हा ने बताया, “घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर भेजा गया और मात्र 15-20 मिनट के भीतर स्थिति पर काबू पा लिया गया। अब हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।”
वीडियो से हुई उपद्रवियों की पहचान
पुलिस के अनुसार, मौके से मिले वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रव फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है। फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि पुलिस के जवान लाठियां लेकर भीड़ को तितर-बितर कर रहे हैं, वहीं एक अन्य वीडियो में दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं और कुछ उपद्रवी पुलिस पर भी पत्थर फेंकते दिख रहे हैं।
बीजेपी पार्षद के बेटे को लगी चोट
इस हिंसा की चपेट में जुलूस में शामिल बीजेपी पार्षद ओमप्रकाश कुशवाहा का 11 वर्षीय बेटा, अकुल कुशवाहा, भी आ गया और घायल हो गया। घटना के बाद पार्षद ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
प्रशासन की सख्ती और लोगों से अपील
गुना के जिलाधिकारी (डीएम) किशोर कुमार कन्याल ने भी पुष्टि की है कि हालात अब पूरी तरह सामान्य हैं और जिले में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “पुलिस हर गतिविधि पर नजर रख रही है और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।”
त्योहार पर देशभर में निकाले जाते हैं जुलूस
गौरतलब है कि हनुमान जयंती के अवसर पर देश के कई हिस्सों में भव्य जुलूस और शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। यह पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें श्रद्धालु पूरे जोश और उत्साह से भाग लेते हैं।
गुना की यह घटना एक बार फिर यह याद दिलाती है कि धार्मिक आयोजनों के दौरान आपसी सौहार्द बनाए रखना बेहद जरूरी है। पुलिस और प्रशासन की तत्परता ने स्थिति को जल्दी काबू में ले लिया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई। अब जरूरत है कि शांति और भाईचारे का वातावरण कायम रहे और अफवाहों से दूर रहकर लोग प्रशासन का सहयोग करें।