‘तमिल पर गर्व, फिर अंग्रेज़ी में साइन क्यों?’ – रामेश्वरम से पीएम मोदी का स्टालिन सरकार पर वार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए स्टालिन सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने भाषा को लेकर राज्य सरकार के रवैये को ‘दोहरे मापदंड’ वाला करार दिया।

तमिल प्रेम या अंग्रेज़ी की आदत?

प्रधानमंत्री मोदी ने सवाल उठाया – “जो नेता तमिल भाषा पर गर्व जताते हैं, वे जब मुझे पत्र भेजते हैं तो उसमें तमिल की बजाय अंग्रेज़ी का इस्तेमाल क्यों करते हैं? उनके दस्तखत भी अंग्रेज़ी में होते हैं।” उन्होंने कहा कि जब गर्व की बात आती है, तो वह व्यवहार में भी दिखना चाहिए – सिर्फ भाषणों में नहीं।

मेडिकल शिक्षा तमिल में – ताकि कोई पीछे न छूटे

पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में जन औषधि केंद्रों की संख्या 1400 से अधिक हो चुकी है, जिससे प्रदेशवासियों को 7000 करोड़ रुपये तक की बचत हुई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब युवाओं को डॉक्टर बनने के लिए विदेश नहीं जाना पड़ेगा।

“मैं तमिलनाडु सरकार से आग्रह करता हूँ कि मेडिकल कोर्स तमिल भाषा में भी संचालित किए जाएं, ताकि अंग्रेज़ी न जानने वाले गरीब बच्चे भी डॉक्टर बनने का सपना पूरा कर सकें।”

तमिलनाडु को मिला ऐतिहासिक रेल बजट

पीएम मोदी ने बताया कि 2014 से पहले तमिलनाडु को रेलवे प्रोजेक्ट्स के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये मिलते थे, जबकि अब यह राशि 6000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रदेश के 77 रेलवे स्टेशनों को आधुनिक रूप दिया जा रहा है, जिनमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है।

तमिलनाडु की शक्ति, भारत की प्रगति

प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि जब तमिलनाडु की क्षमताओं को सही मायनों में पहचाना जाएगा, तब देश का समग्र विकास और भी तेज़ी से होगा।