शिक्षक भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने कोलकाता हाई कोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें सरकारी स्कूलों में 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने का आदेश दिया गया था। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं थीं।
भर्ती घोटाले में अनियमितताएं
कोलकाता हाई कोर्ट ने 2016 के संपूर्ण जॉब पैनल को रद्द कर दिया था, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। जांच में सामने आया कि उम्मीदवारों से 5 से 15 लाख रुपये तक की अवैध वसूली की गई थी। अदालत ने भर्ती प्रक्रिया में भारी गड़बड़ियां पाई थीं, जिसके बाद यह सख्त फैसला लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने सीबीआई को भर्ती घोटाले की जांच जारी रखने का निर्देश दिया। इसके अलावा, परीक्षा से संबंधित 23 लाख उत्तर पुस्तिकाओं के पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि किसकी कॉपियों का मूल्यांकन हुआ था।
CJI संजीव खन्ना ने कहा, “जो लोग अब तक नौकरी कर रहे थे, उन्हें वेतन लौटाने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस आदेश के बाद उनकी सेवाएं समाप्त हो जाएंगी।”
आगे की कानूनी कार्रवाई
राज्य सरकार की याचिका पर 4 अप्रैल को सीबीआई जांच के खिलाफ सुनवाई होगी। इसके अलावा, अदालत ने एक दिव्यांग उम्मीदवार को मानवीय आधार पर राहत देने का निर्देश दिया है।