लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। प्रश्नकाल के बाद स्पीकर ओम बिरला ने इस पर आठ घंटे की चर्चा का समय निर्धारित किया है, जिसके बाद इसे सदन में पारित किए जाने की संभावना है। विपक्ष ने इस बिल का विरोध करने की घोषणा करते हुए चर्चा का समय बढ़ाकर 12 घंटे करने की मांग की है।
समय बढ़ाने की संभावना
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विधेयक पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक का विरोध करेगी। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे समय की जरूरत बताते हुए कहा कि वक्फ में सुधार आवश्यक है।
वक्फ क्या है?
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है किसी को दान देना। जब कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति जैसे घर, जमीन या धन धार्मिक उद्देश्यों के लिए मस्जिद, स्कूल या अस्पताल को दान करता है, तो इसे वक्फ कहा जाता है। दान की गई संपत्ति फिर व्यक्तिगत स्वामित्व में नहीं रहती, बल्कि उसे अल्लाह की संपत्ति माना जाता है।
विधेयक में प्रस्तावित प्रमुख संशोधन
1. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की भागीदारी – अब बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम सदस्य होंगे।
2. महिलाओं और अन्य मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व – बोर्ड में महिला और अन्य मुस्लिम समुदायों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।
3. सरकारी नियंत्रण बढ़ेगा – सरकार वक्फ बोर्ड के वित्तीय मामलों और संपत्तियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रण बढ़ाना चाहती है।
4. संपत्ति का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन – जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य होगा ताकि मालिकाना हक स्पष्ट हो।
5. CAG को ऑडिट का अधिकार – भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) को वक्फ बोर्ड के खातों का किसी भी समय ऑडिट करने का अधिकार होगा।
6. वक्फ परिषद में नए समुदायों का समावेश – अब तक परिषद में केवल शिया और सुन्नी समुदाय के लोग शामिल होते थे, लेकिन अब आगा खानी और बोहरा समुदायों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
लोकसभा में इस विधेयक को लेकर जबरदस्त बहस की उम्मीद है। विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक हो सकती है, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित होने की आशंका भी जताई जा रही है।