भारत सरकार ने न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर रूस को संवेदनशील तकनीक आपूर्ति करने का आरोप लगाया गया था।
विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को “तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक” बताते हुए कहा कि इसे राजनीतिक उद्देश्यों से गढ़ा गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि HAL ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियंत्रण और अंतिम उपयोगकर्ता प्रतिबद्धताओं का पूरी तरह पालन किया है।
विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट देखी है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। इसमें राजनीतिक बयानबाजी के लिए मुद्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की गई है।”
मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत की कंपनियां अंतरराष्ट्रीय नियमों का सख्ती से पालन करती हैं और HAL ने किसी भी प्रतिबंधित एजेंसी को संवेदनशील तकनीक नहीं दी है। मंत्रालय ने प्रसिद्ध मीडिया संगठनों से आग्रह किया कि वे ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने से पहले उचित जांच-पड़ताल करें।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 28 मार्च 2025 को न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट प्रकाशित कर दावा किया कि ब्रिटिश एयरोस्पेस निर्माता एचआर स्मिथ ग्रुप ने HAL के माध्यम से रूस को तकनीकी उपकरणों की आपूर्ति की थी। इन उपकरणों में ट्रांसमिटर्स, कॉकपिट उपकरण और अन्य संवेदनशील हिस्से शामिल थे, जिनकी आपूर्ति पर ब्रिटेन और अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है।
रिपोर्ट में दावा किया गया कि HAL ने ये उपकरण रूस की ब्लैकलिस्टेड एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट को भेजे। हालांकि, HAL ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत का रुख
भारत सरकार का कहना है कि उसकी रक्षा और एयरोस्पेस कंपनियां अंतरराष्ट्रीय नियमों का पूरी तरह पालन करती हैं। HAL पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए विदेश मंत्रालय ने इसे भारत की छवि धूमिल करने का प्रयास करार दिया है।
HAL की आधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट कर दी गई है कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का पालन करता है और किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है।