बिहार में बैंक धोखाधड़ी का खुलासा, विश्वविद्यालय  को लौटाए गए 12.36 लाख रुपये

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बिहार में बैंकिंग क्षेत्र में बड़ी धांधली का मामला सामने आया है। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में बैंक ब्याज से जुड़ी अनियमितताओं की जांच के लिए गठित कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बैंक अधिकारी 36 विभागों के बैंक स्टेटमेंट के साथ उपस्थित हुए।

बैंक प्रशासन ने स्वीकारी गड़बड़ी, माफीनामा सौंपा

विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, जांच कमेटी के समक्ष बैंक प्रशासन ने ब्याज में हुई गड़बड़ी को स्वीकार किया और इसके लिए लिखित माफीनामा सौंपा। इसके साथ ही, 12.36 लाख रुपये की ब्याज राशि विश्वविद्यालय को लौटा दी गई।

दो वर्षों में देना होगा पैनल इंटरेस्ट

कमेटी के सदस्यों ने स्पष्ट किया कि बैंक को अगले दो वर्षों में ब्याज का पैनल इंटरेस्ट चुकाना होगा। जांच कमेटी जल्द ही कुलपति प्रो. जवाहर लाल को अपनी अनुशंसा सहित विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।

भैरवा तालाब मामले में जांच जारी

कमेटी के सदस्यों ने भैरवा तालाब का निरीक्षण किया, जहां संदेह व्यक्त किया गया कि विश्वविद्यालय को अंधेरे में रखकर अवैध रूप से मछली पालन कर मोटी कमाई की जा रही है। निरीक्षण के दौरान तालाब में मछली पकड़ने के जाल लगे होने के प्रमाण मिले।

नगर निगम और टीएनबी यूनिवर्सिटी करार की समीक्षा होगी

भागलपुर नगर निगम और टीएनबी यूनिवर्सिटी के बीच हुए करार की समीक्षा की जाएगी। निगम को पत्र भेजकर पिछले आठ वर्षों में प्रति वर्ष 20 लाख रुपये की दर से बकाया राजस्व उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाएंगे। ऐसा न करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा।

चार कॉलेजों के निरीक्षण का निर्णय

कमेटी की बैठक में चार कॉलेजों से संबंधित मामलों पर भी चर्चा हुई। निर्णय लिया गया कि प्रत्येक कॉलेज का क्रमवार स्थल निरीक्षण किया जाएगा।

बिहार में बैंकिंग अनियमितताओं का यह मामला शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। प्रशासन की सख्ती से आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।