म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से भारी तबाही मची है। यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने आशंका जताई है कि इस आपदा में 10,000 से अधिक लोगों की जान जा सकती है। अब तक 1,000 से ज्यादा मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 2,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए।
थाईलैंड में भी भारी नुकसान, 30 मंजिला इमारत गिरी
भूकंप का असर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी देखने को मिला, जहां एक 30 मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिर गई। इस हादसे में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और 101 लोग लापता हैं।
भूकंप के बाद आपातकाल घोषित
भूकंप की भयावहता को देखते हुए म्यांमार की सैन्य सरकार ने देश के छह राज्यों में आपातकाल लागू कर दिया है। ये राज्य हैं-
✅ सगाइंग
✅ मांडले
✅ बागो
✅ मागवे
✅ शान (पूर्वी भाग)
✅ नेपीदा
सैन्य सरकार के प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने बताया कि नेपीदा में 96, सगाइंग में 18 और मांडले के क्याक्से टाउनशिप में 30 लोगों की मौत हो गई है।
भारत की ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत मदद
भारत ने म्यांमार को 15 टन राहत सामग्री भेजी है, जिसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बताया कि भारतीय वायुसेना का C-130 विमान राहत सामग्री लेकर गया है, जिसमें शामिल हैं—
✔ कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट
✔ स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप
✔ फूड पैकेट व किचन सेट
✔ रेस्क्यू और मेडिकल टीम
जयशंकर ने कहा कि भारत स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर और सहायता भेजेगा।
रेड क्रॉस और अन्य एजेंसियों का राहत कार्य जारी
रेड क्रॉस ने कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण मांडले, सगाइंग और शान राज्य में राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। रेड क्रॉस ने $1,50,000 (करीब 1.25 करोड़ रुपये) की सहायता देने की घोषणा की है, जिससे भोजन, पानी, कंबल, तिरपाल और हाइजीन किट की व्यवस्था की जाएगी।
भूकंप के बाद आए 14 झटके
USGS के अनुसार, मुख्य भूकंप के बाद अब तक 14 और झटके महसूस किए गए। इनमें से सबसे शक्तिशाली झटका 6.7 तीव्रता का था, जो भूकंप के 10 मिनट बाद आया।
अंतरराष्ट्रीय मदद का ऐलान
➡ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका म्यांमार की हर संभव मदद करेगा।
➡ चीन ने राहत कार्यों के लिए 37 सदस्यीय टीम भेजी है, जो भूकंप चेतावनी प्रणाली, ड्रोन और अन्य आपातकालीन उपकरणों से लैस है।
यह भूकंप म्यांमार और थाईलैंड के लिए पिछले 200 वर्षों का सबसे विनाशकारी भूकंप साबित हो सकता है। बचाव कार्य तेज कर दिया गया है, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि पुनर्निर्माण में लंबा समय लग सकता है।