म्यांमार में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल की हानि की खबरें सामने आ रही हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने इस भूकंप की पुष्टि की है। भूकंप के झटके स्थानीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर महसूस किए गए।
भूकंप का केंद्र और प्रभाव
भूकंप का केंद्र 22.01 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 95.92 पूर्वी देशांतर पर जमीन की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के तेज झटके महसूस करते ही लोग अपने-अपने घरों और कार्यालयों से घबराकर बाहर निकल आए। कई ऊंची इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, जिससे जान-माल की भारी क्षति हुई है।
प्रभावित क्षेत्र
चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, म्यांमार के सबसे बड़े शहर यांगून और राजधानी नेपीतां में भीषण झटके महसूस किए गए। हालांकि, म्यांमार सरकार ने अभी तक इस भूकंप से हुए नुकसान की आधिकारिक जानकारी जारी नहीं की है।
रिपोर्टों के अनुसार, मांडले क्षेत्र में कई इमारतें पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं। मांडले और यांगून के बीच कई सड़कों में गहरी दरारें आ गईं और वे क्षतिग्रस्त हो गईं। सड़क मार्ग प्रभावित होने के कारण राहत और बचाव कार्यों में भी कठिनाइयां आ रही हैं।
अन्य देशों में भी महसूस किए गए झटके
भूकंप के तेज झटके केवल म्यांमार तक सीमित नहीं रहे। लाओस की राजधानी विएंतियाने और थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। विएंतियाने में तीन मंजिलों से अधिक ऊंची इमारतें झूलती हुई नजर आईं, जिससे वहां के नागरिकों में भय का माहौल बन गया।
इसके अलावा, भारत के पूर्वी हिस्सों में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और मेघालय में लोगों ने भूकंप का अनुभव किया।
सरकार और राहत एजेंसियों की प्रतिक्रिया
म्यांमार सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है और मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं। कई देशों ने म्यांमार को सहायता की पेशकश की है और राहत सामग्री भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
म्यांमार में आया यह भूकंप हाल के वर्षों में सबसे विनाशकारी आपदाओं में से एक माना जा रहा है। इससे हुई जान-माल की हानि के आंकड़े अभी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन प्रभावित क्षेत्रों से मिल रही खबरें गंभीर स्थिति का संकेत दे रही हैं। सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां इस आपदा से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं।