लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पास, अमित शाह ने दी कड़ी चेतावनी

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लोकसभा में इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पारित हो गया। इस पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को यदि भारत को नुकसान पहुंचाने की मंशा से आते पाया गया, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गृह मंत्री ने आगे कहा कि भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का अद्यतन रिकॉर्ड रखा जाएगा। वे किस रास्ते से आ रहे हैं, कहां ठहर रहे हैं और क्या कर रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी सरकार के पास होगी। उन्होंने बताया कि पहले विदेशी नागरिकों को ब्लैकलिस्ट किया जाता था, लेकिन इसकी कोई कानूनी व्यवस्था नहीं थी। अब यह नया कानून इस पूरी प्रक्रिया को कानूनी रूप देगा।

बिल की मुख्य बातें:

• इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 में कुल 36 धाराएं हैं, जो विदेशियों के आगमन और प्रवासन से जुड़ी प्रक्रियाओं को स्पष्ट करती हैं।

• कोई भी विदेशी यदि एयरपोर्ट या बंदरगाह के बजाय अन्य मार्गों से आता है, तो उसे गैरकानूनी माना जाएगा।

• संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा के लिए यह कानून विशेष प्रावधान करता है।

• डेटा प्रबंधन और सत्यापन प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया गया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि 73% अप्रवासन चौकियों में वृद्धि की गई है। 2024 में 8 करोड़ 12 लाख लोगों की आवाजाही दर्ज की गई थी। इसके अलावा, फास्टैग अप्रवासन यात्री कार्यक्रम को 8 प्रमुख एयरपोर्टों पर लागू किया गया है, जिससे यात्रियों की जांच प्रक्रिया मात्र 30 सेकंड में पूरी हो सकेगी।

भारत में अप्रवासन कानून का नया स्वरूप:

• वर्तमान में अप्रवासन से जुड़े चार अलग-अलग अधिनियम लागू हैं, जिन्हें समाप्त कर एक समेकित कानून बनाया गया है।

• यह नया कानून ड्रग्स, घुसपैठ, हवाला व्यापार और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने में मदद करेगा।

• 1920, 1930 और 1946 के अप्रवासन कानून, जो ब्रिटिश संसद में बने थे, अब भारत की नई संसद में भारतीय कानून के रूप में पारित किए गए हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य विदेशियों के आगमन को सुविधाजनक बनाना है, लेकिन उन लोगों को रोकना भी आवश्यक है जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।