आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी सत्ता के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह और समाज सुधारक डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपनों को साकार करने के लिए राजनीति में आई है।
‘आप’ द्वारा आयोजित ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम में केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की सत्ता में आने के बाद भाजपा ने दोनों महापुरुषों की विरासत का अनादर किया है।
शहीदों को श्रद्धांजलि
शहीदी दिवस के अवसर पर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को श्रद्धांजलि देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान केजरीवाल ने कहा
“हमारे आदर्श बाबासाहेब आंबेडकर और भगत सिंह हैं। भगत सिंह कहते थे कि केवल अंग्रेजों को हटाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाज का ढांचा भी बदलना होगा, अन्यथा गोरे अंग्रेजों की जगह काले अंग्रेज आ जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि आज के शासक अंग्रेजों से भी बदतर हैं। केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ता संभालने के 48 घंटे के भीतर ही भाजपा सरकार ने सरकारी दफ्तरों से भगत सिंह और आंबेडकर की तस्वीरें हटा दीं।
महिला कल्याण योजनाओं पर प्रहार
केजरीवाल ने दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा योजना को कथित रूप से प्रतिबंधित करने को लेकर भी भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि अब बस परिचालक महिलाओं को गुलाबी टिकट देने से मना कर रहे हैं, जब तक कि वे एक विशेष ऐप डाउनलोड न करें।
भाजपा पर चुनावी वादे पूरे न करने का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने कहा
“वे सुविधाओं में सुधार करने के बजाय मौजूदा सुविधाओं को छीन रहे हैं। अब तक महिलाओं को ₹2,500 प्रति माह मिलना शुरू हो जाना चाहिए था, लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।”
‘आप’ की लड़ाई जारी रहेगी
पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि ‘आप’ संघर्ष से जन्मी पार्टी है और वह पूरे देश में अपने मिशन को जारी रखेगी। उन्होंने कहा
“दिल्ली में हमारी हार रणनीतिक कारणों से हुई, लेकिन हमारी ताकत हमारे समर्पित कार्यकर्ता हैं। उन्हें लगा कि हम खत्म हो जाएंगे, लेकिन हम दोगुनी ताकत के साथ पूरे देश में वापसी करेंगे।”
दिल्ली इकाई के नवनियुक्त प्रमुख सौरभ भारद्वाज ने 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ की शानदार जीत की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय पूरे शहर में जश्न का माहौल था, जबकि भाजपा की हालिया जीत पर वैसा उत्साह देखने को नहीं मिला।
उन्होंने भाजपा पर पुलिस, निर्वाचन आयोग और धनबल का इस्तेमाल कर चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए कहा
“उनके विधायक खुद अपनी जीत से हैरान हैं।”
इस कार्यक्रम के माध्यम से ‘आप’ ने एक बार फिर अपने मूल आदर्शों की पुनर्पुष्टि की और जनता को यह संदेश दिया कि पार्टी सत्ता के लिए नहीं, बल्कि जनसेवा के उद्देश्य से राजनीति में आई है।