जस्टिस वर्मा के घर करोड़ों की कैश बरामदगी पर बड़ा खुलासा: सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया वीडियो

Spread the News

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से करोड़ों की नकदी बरामदगी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। शीर्ष अदालत ने जस्टिस वर्मा के घर के अंदर का वीडियो जारी किया, जिसमें जले हुए नोटों की गड्डियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं।

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जस्टिस वर्मा के घर इतना कैश कहां से आया? सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने बनाई जांच समिति

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिस कमरे में आग लगी थी, वहां से 4-5 अधजली बोरियां मिलीं, जिनमें भारतीय मुद्रा के अवशेष थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है। साथ ही, जस्टिस वर्मा का जवाब भी पेश किया गया।

इस मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति में शामिल हैं:

1. जस्टिस शील नागू (चीफ जस्टिस, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट)

2. जस्टिस जी.एस. संधावालिया (चीफ जस्टिस, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट)

3. जस्टिस अनु शिवरामन (न्यायाधीश, कर्नाटक हाईकोर्ट)

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को निर्देश दिया है कि फिलहाल जस्टिस वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपा जाए।

पुलिस रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ?

दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा चीफ जस्टिस को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार:

• 15 मार्च की सुबह आग लगने की सूचना जस्टिस वर्मा के निजी सचिव ने पीसीआर को दी थी।

• अग्निशमन सेवा को अलग से सूचना नहीं दी गई थी; पीसीआर से ही फायर ब्रिगेड को जानकारी मिली।

• स्टोर रूम, जहां आग लगी थी, CRPF की 70A बटालियन की निगरानी में था और इसे बंद रखा जाता था।

,• आग बुझने के बाद वहां से जले हुए सामान को हटा दिया गया।

पुलिस ने संदेह जताया है कि इस पूरे मामले की गहन जांच जरूरी है।

CJI ने मांगा ब्यौरा

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने 21 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर जस्टिस वर्मा से जुड़ी जानकारी मांगी थी।

मुख्य सवालों में शामिल थे:

1. स्टोर रूम में नकदी कहां से आई?

2. 15 मार्च की सुबह जले हुए नोट हटाने वाला व्यक्ति कौन था?

3. पिछले छह महीनों में जस्टिस वर्मा के घर तैनात स्टाफ, सुरक्षा गार्ड और उनके मोबाइल फोन कॉल रिकॉर्ड का विवरण।

इसके जवाब में दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट को एक पेन ड्राइव में आवश्यक जानकारी सौंप दी।

जस्टिस वर्मा ने आरोपों को बताया साजिश

दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दिए अपने जवाब में जस्टिस यशवंत वर्मा ने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा,यह सब उन्हें बदनाम करने और फंसाने की साजिश है।

उन्होंने या उनके परिवार के किसी सदस्य ने स्टोर रूम में कभी नकदी नहीं रखी।

उन्होंने इस आरोप को पूरी तरह खारिज किया कि उन्होंने स्टोर रूम से नकदी निकाली।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी वीडियो और रिपोर्ट्स के आधार पर यह मामला और भी पेचीदा हो गया है। अब सबकी नजरें जांच समिति की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे साफ हो सकेगा कि नकदी कहां से आई और इसमें कौन शामिल है।