बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए ई-शिक्षा कोष एप का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसी बीच भागलपुर जिले से एक गंभीर लापरवाही सामने आई है, जहां 1007 शिक्षकों की उपस्थिति एप पर अपडेट नहीं की गई। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) राजकुमार शर्मा ने तुरंत जांच के आदेश जारी किए हैं और संबंधित शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों से जवाब मांगा है।
जांच में सामने आए तथ्य
भागलपुर जिले के सात स्कूल ऐसे पाए गए हैं, जहां शिक्षकों की उपस्थिति लगातार शून्य दर्ज की गई है। इन स्कूलों में शामिल हैं—
1. प्राथमिक विद्यालय, रुदलपुर सन्हौला
2. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुल्तानगंज
3. राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जरलाही (नगर निगम)
4. प्राथमिक विद्यालय, बालिका मानिकपुर
5. प्राथमिक विद्यालय, गंगटी
6. डीपीईपी प्राथमिक विद्यालय, सबौर
7. कन्या प्राथमिक विद्यालय, परमानंदपुर नाथनगर
शिक्षकों की गैर-हाजिरी पर DEO सख्त
जांच में यह भी पाया गया कि तीन स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करने वाला कोई नहीं था, क्योंकि शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया था। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए DEO ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी शिक्षकों की उपस्थिति ई-शिक्षा कोष एप पर दर्ज होनी चाहिए।
अगर कोई शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित रहता है या जानबूझकर उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें निलंबन और वेतन रोकने जैसी कार्रवाई शामिल होगी। DEO ने सख्त लहजे में कहा कि अगर शिक्षकों ने चेतावनी के बावजूद मनमानी जारी रखी, तो उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।