उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सख्त और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। गुरुवार को देवीपाटन मंडल में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से घोषणा की कि अगर कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसके परिवार की यह आखिरी सरकारी नौकरी होगी।
भ्रष्टाचारियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत काम कर रही है और आगे भी इसी दिशा में काम करती रहेगी। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि यदि कहीं कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करता दिखाई दे तो उसकी शिकायत सीधे उन तक पहुंचाई जाए। सरकार किसी भी हाल में भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
परिवार की आखिरी सरकारी नौकरी होगी
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसके परिवार की यह आखिरी सरकारी नौकरी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार में पकड़ा गया, तो उसके परिवार का कोई भी अन्य सदस्य भविष्य में सरकारी सेवा में नहीं आ सकेगा। यह फैसला उत्तर प्रदेश में पारदर्शिता और ईमानदारी की नीति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
रिश्वतखोरी की शिकायत करें, कार्रवाई होगी
मुख्यमंत्री ने लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि यदि कोई व्यक्ति लोन दिलाने या किसी सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर पैसे की मांग करता है, तो उसकी शिकायत तुरंत राज्य सरकार के पोर्टल पर की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई अनावश्यक रूप से धनराशि की मांग करता है, तो सरकार उसकी जांच कराएगी और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करेगी।
भ्रष्टाचारियों के लिए नजीर बनेगी यह कार्रवाई
सीएम योगी ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार इतनी कड़ी कार्रवाई करेगी कि यह भ्रष्टाचारियों के लिए एक नजीर बन जाएगी। जो भी सरकारी सेवा में गलत तरीके से धन ऐंठने की कोशिश करेगा, उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा और उसका परिवार भी भविष्य में सरकारी नौकरी से वंचित हो जाएगा।
ईमानदारी और पारदर्शिता को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री का यह ऐलान राज्य में प्रशासनिक ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों में डर पैदा होगा और वे भ्रष्टाचार से दूर रहने के लिए विवश होंगे।
योगी सरकार का यह निर्णय प्रदेश में सुशासन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है, जिससे सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सकेगा।