दुमका – उपराजधानी दुमका में मंईयां सम्मान योजना की राशि से वंचित महिलाओं का सब्र जवाब देने लगा है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण प्रखंड कार्यालय में उमड़ी सैकड़ों महिलाओं की भीड़ से लगाया जा सकता है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड में इंडिया गठबंधन को भारी सफलता मिली, जिसमें मंईयां सम्मान योजना को मास्टर स्ट्रोक माना गया। इस योजना के बल पर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनी। लेकिन अब यही योजना विवादों में घिरती नजर आ रही है।
सदन में विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटा है, तो वहीं विभिन्न जिलों में महिलाएं सड़कों पर उतरकर सरकार से जवाब मांग रही हैं। चुनाव से पूर्व सरकार ने इस योजना की राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया था। सरकार गठन के बाद लाभुकों के खातों में पहली किस्त के रूप में 2500 रुपये जमा किए गए। इसके बाद, होली से पूर्व कुछ लाभुकों के खाते में तीन महीने की राशि, यानी 7500 रुपये एक साथ भेजे गए। लेकिन यह राशि सभी लाभुकों तक नहीं पहुंची। जिन लोगों को राशि मिली, उन्होंने धूमधाम से होली मनाई, जबकि कई महिलाओं की होली फीकी रह गई।
शुरुआती सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत लगभग 56 लाख लाभुकों को लाभान्वित करने की योजना थी। हालांकि, विभिन्न जिलों से गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद लाभुकों की पात्रता की जांच शुरू की गई। फिलहाल, सरकार द्वारा लगभग 36 लाख लाभुकों के खातों में राशि भेजने की बात कही जा रही है। इस स्थिति में असंतोष और नाराजगी का पनपना स्वाभाविक है।
सूत्रों के अनुसार, दुमका जिले में लगभग 60 हजार लाभुकों की राशि रोक दी गई है। जिन महिलाओं को अब तक राशि नहीं मिली, वे सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इसी के चलते सैकड़ों महिलाएं दुमका प्रखंड कार्यालय में एकत्रित हुईं। महिलाओं का कहना है कि उन्हें दिसंबर माह में 1000 रुपये प्राप्त हुए थे, लेकिन उसके बाद से कोई राशि उनके खातों में नहीं आई। वे यह जानने के लिए कार्यालय पहुंची हैं कि उनकी राशि क्यों रोकी गई है।
महिलाओं का यह भी कहना है कि यदि सम्मान राशि दी जा रही है, तो यह सभी को समान रूप से मिलनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि कुछ को सम्मान मिले और कुछ को अपमान झेलना पड़े। कतार में खड़ी महिलाएं संयमित तरीके से अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं, लेकिन यदि उन्हें यह ज्ञात हुआ कि उनके नाम लाभुक सूची से हटा दिए गए हैं, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगी।
इस संबंध में प्रखंड के सीओ अमर कुमार ने जानकारी दी कि कुछ लाभुकों की राशि प्रक्रियागत कारणों से पेंडिंग है, जो जल्द ही जारी कर दी जाएगी। वहीं, कुछ लाभुकों की पात्रता की जांच अभी जारी है।
सरकार की इस योजना में गड़बड़ियों और असमान वितरण को लेकर महिलाओं में असंतोष बढ़ रहा है, जो आने वाले समय में एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।