एक हालिया रिपोर्ट में देश भर के विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का खुलासा किया गया है। यह अध्ययन एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा किया गया, जिसमें 4,092 विधायकों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 45% (1,861) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 1,205 विधायक गंभीर अपराधों में लिप्त हैं, जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध।
राज्यवार प्रमुख आंकड़े
1. आंध्र प्रदेश
– 79% (174 में से 138) विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
– 56% (98 विधायक) गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
2. तेलंगाना
– 50% विधायकों पर आपराधिक आरोप हैं।
3. बिहार
– 49% विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पार्टियों के अनुसार विधायकों पर आपराधिक मामले
1. तेलुगु देशम पार्टी
– 86% विधायक (115 में से) आपराधिक मामलों में संलिप्त हैं।
– 61% (82 विधायक) गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
2. भारतीय जनता पार्टी
– 39% विधायक (1,653 में से 638) आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।
– 26% (436 विधायक) गंभीर आरोपों में घिरे हैं।
3. कांग्रेस
– 52% विधायक (646 में से 339) आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
– 194 विधायक गंभीर आरोपों में लिप्त हैं।
4. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम
– 74% (132 में से 98) विधायक आपराधिक मामलों में फंसे हैं।
– 42 विधायक गंभीर अपराधों का सामना कर रहे हैं।
5. तृणमूल कांग्रेस
– 41% (230 में से 95) विधायक आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।
– 34% (78 विधायक) गंभीर आरोपों में शामिल हैं।
6. आम आदमी पार्टी
– 56% (123 में से 69) विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।
– 28% (35 विधायक) गंभीर आरोपों में शामिल हैं।
अपराधों का वर्गीकरण
1. हत्या: 54 विधायक हत्या के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
2. हत्या की कोशिश: 226 विधायक हत्या की कोशिश के मामलों में शामिल हैं।
3. महिलाओं के खिलाफ अपराध: 127 विधायकों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं।
4. बलात्कार: 13 विधायक बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
वित्तीय स्थिति और आपराधिक मामलों का संबंध
– रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 119 विधायक (3%) अरबपति हैं।
– औसतन एक विधायक के पास ₹17.92 करोड़ की संपत्ति है।
– जिन विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उनकी औसतन संपत्ति ₹20.97 करोड़ आंकी गई है।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत की राजनीति में अपराध और धन की भूमिका लगातार बढ़ रही है। विधायकों के खिलाफ दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों की संख्या चिंताजनक है और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता व न्यायसंगतता पर सवाल खड़े करता है। इस तरह की रिपोर्ट्स राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता को उजागर करती हैं और यह दर्शाती हैं कि स्वच्छ छवि वाले जनप्रतिनिधियों को आगे लाने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।