महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों, विशेष रूप से दुष्कर्म और छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों की सख्त पिटाई होनी चाहिए, और बलात्कारियों को नपुंसक बना देना चाहिए, ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लग सके। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक समाज में इस तरह के अपराधों के खिलाफ कड़ा और त्वरित प्रतिरोध नहीं होगा, तब तक अपराधी बेखौफ रहेंगे और ऐसी घटनाएं जारी रहेंगी।
राज्यपाल भरतपुर जिला बार एसोसिएशन के शपथ ग्रहण समारोह में बोल रहे थे। अपने संबोधन में उन्होंने बढ़ते दुष्कर्म के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की और समाज से अपील की कि केवल कानून पर निर्भर रहने के बजाय, आम लोगों को भी ऐसे अपराधों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर किसी महिला के साथ छेड़छाड़ होती है, तो वहां मौजूद लोगों को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। अपराधी को पकड़ना चाहिए और उसकी मौके पर ही पिटाई करनी चाहिए।”
शिवाजी महाराज का उदाहरण दिया
राज्यपाल बागडे ने इतिहास से एक उदाहरण देते हुए छत्रपति शिवाजी महाराज की न्यायप्रियता और कठोर दंड नीति का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि शिवाजी महाराज के शासनकाल में एक गांव का मुखिया (पटेल) बलात्कार का दोषी पाया गया था। तब शिवाजी महाराज ने आदेश दिया था कि उसे मारने के बजाय उसके हाथ-पैर तोड़ दिए जाएं, ताकि वह जीवनभर अपंग बना रहे और यह कड़ा संदेश पूरे समाज में जाए।
उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को कठोर दंड देने से ही समाज में भय पैदा होगा और अपराधों में कमी आएगी।
वीडियो बनाने की मानसिकता पर सवाल
राज्यपाल ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि आजकल लोग अपराध होते हुए देखते हैं, लेकिन मदद करने के बजाय उसका वीडियो बनाने में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता समाज के लिए बेहद खतरनाक है और इसे बदलने की जरूरत है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा, “अगर कोई महिला संकट में है, तो उसे बचाने के लिए आगे आइए। अपराधी को पकड़िए, उसे सजा दीजिए। केवल वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने से कुछ नहीं होगा।”
कानून का डर नहीं, सख्त कदम जरूरी
राज्यपाल ने कहा कि भारत में कानून मौजूद हैं, लेकिन अपराधियों में कानून का डर नजर नहीं आता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ बलात्कार करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान है, फिर भी आए दिन ऐसे अपराध हो रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि कानून होने के बावजूद अपराध क्यों बढ़ रहे हैं? अपराधियों को कानून का डर क्यों नहीं है? यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि समाज को इस पर विचार करना चाहिए और यह देखना चाहिए कि क्या और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।
समाज को आगे आना होगा
राज्यपाल ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि अपराधों को रोकने के लिए केवल सरकार और पुलिस पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। समाज को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि अगर हर व्यक्ति महिलाओं की सुरक्षा के लिए आगे आए, अपराधियों को मौके पर ही पकड़कर सजा देने की मानसिकता बनाए, तो निश्चित रूप से ऐसे अपराधों में कमी आएगी।
कठोर रुख अपनाने की जरूरत
राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने बलात्कारियों और महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ बेहद कठोर रुख अपनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को नपुंसक बना देना चाहिए और समाज को भी ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि अपराधियों को तुरंत सजा मिले।
उनकी इस टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि कानून होने के बावजूद अगर अपराध नहीं रुक रहे हैं, तो समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी और अपराधियों को कड़ा सबक सिखाना होगा।