छत्तीसगढ़ में एसीबी-ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, तीन अधिकारियों के 15 ठिकानों पर छापा

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छत्तीसगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अधिकारियों के 15 ठिकानों पर छापा मारा। यह छापेमारी सुकमा, रायगढ़, बीजापुर समेत कई जिलों में जारी है।

किन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई?

सूत्रों के अनुसार, जिन अधिकारियों के खिलाफ यह छापेमारी की गई, वे हैं:

1. श्याम सुंदर सिंह चौहान – समग्र शिक्षा विभाग, सुकमा में पदस्थ डीएमसी

2. अशोक कुमार पटेल – सुकमा के तत्कालीन डीएफओ (हाल ही में निलंबित)

3. आनंद जीत सिंह – आदिवासी विकास विभाग में उपायुक्त

कहां-कहां हुई छापेमारी?

सुकमा, छिंदगढ़, रायगढ़, पुसौर, सारंगढ़, बीजापुर, जगदलपुर, गीदम, कोंटा और दंतेवाड़ा में छापेमारी की कार्रवाई जारी है।

क्या-क्या बरामद हुआ?

अब तक की जांच में करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की गई है, जिसमें शामिल हैं:

• लाखों रुपये नकद

• बड़ी मात्रा में सोने-चांदी के गहने

• जमीन के दस्तावेज

• संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन

रिश्तेदार भी एसीबी के निशाने पर

छापेमारी केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई।

• डीएफओ अशोक कुमार पटेल – कुछ दिन पहले तेंदूपत्ता बोनस वितरण में गड़बड़ी के कारण निलंबित किए गए थे।

• आनंद जीत सिंह – बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर में आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त के रूप में एसीबी की रडार पर थे।

• भानु प्रताप सिंह चौहान – कोंटा ब्लॉक में शिक्षक और संकुल समन्वयक पद पर पदस्थ।

• बबलू चौहान – पूर्व डीपीएम, वर्तमान में शिक्षक।

• श्याम सुंदर चौहान – छिंदगढ़ ब्लॉक निवासी और भानु प्रताप सिंह चौहान के भाई।

जांच में क्या मिला?

एसीबी के पास इन अधिकारियों के आय से अधिक संपत्ति के ठोस प्रमाण थे। टीम पिछले कई दिनों से जानकारी जुटा रही थी।

• पहली टीम ने जगदलपुर के धरमपुरा स्थित मकान पर छापा मारा।

• एक टीम दंतेवाड़ा के सरकारी बंगले में पहुंची।

• बैलाबाजार (जगदलपुर) स्थित आनंद जीत सिंह के करीबी के घर भी जांच की गई। फिलहाल, एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम छापेमारी जारी रखे हुए है, और इस मामले में आगे भी कई खुलासे होने की संभावना है।