चैंपियंस ट्रॉफी: मोहम्मद शमी के पानी पीने पर उठा विवाद, धार्मिक और राजनीतिक बयानबाजी तेज

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4 मार्च 2025 – भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मैच में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के पानी पीने को लेकर धार्मिक और राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश के कई मौलानाओं ने इसे इस्लामिक शरीयत के खिलाफ बताया, जबकि विभिन्न राजनीतिक दलों और शमी के परिवार ने उनका समर्थन किया है।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी का बयान

बरेली स्थित ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी बरेलवी ने मोहम्मद शमी के मैदान पर पानी पीने की आलोचना करते हुए कहा कि रमज़ान के दौरान एक स्वस्थ पुरुष या महिला को रोज़ा रखना अनिवार्य है। उन्होंने कहा,

“अगर कोई व्यक्ति बीमार है या यात्रा पर है, तभी उसे रोज़ा न रखने की छूट मिलती है। लेकिन शमी जब खेल रहे थे, तो इसका मतलब है कि वह स्वस्थ हैं। ऐसे में उन्हें रोज़ा रखना चाहिए था। उन्होंने पूरे समाज को गलत संदेश दिया है और यह इस्लामिक शरीयत के खिलाफ है।”

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने किया बचाव

इस विवाद पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने शमी के पक्ष में बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में यात्रा के दौरान रोज़ा छोड़ने की अनुमति दी गई है, बशर्ते वह बाद में उसकी भरपाई करे।

“कुरान में साफ उल्लेख है कि जो व्यक्ति सफर पर है, वह बाद में अपने छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा कर सकता है। मोहम्मद शमी भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, और उनका सफर खेल से जुड़ा हुआ है। इसलिए किसी को भी उन पर उंगली उठाने का हक़ नहीं है।”

यूपी सरकार के मंत्री और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने शमी के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि इस्लाम एक खूबसूरत धर्म है और रोज़े को लेकर उसमें सहूलियतें भी दी गई हैं।

“जो लोग इस मुद्दे को तूल दे रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि रोज़े के अलग-अलग नियम हैं। अगर कोई व्यक्ति सफर में है या महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, तो उसे छूट मिलती है। शमी इस समय भारत को जिताने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में उन पर इस तरह के सवाल उठाना अनुचित है।”

भाजपा नेता मोहसिन रजा ने भी इस विवाद को अनावश्यक बताते हुए कहा कि यह पूरी तरह से अल्लाह और इंसान के बीच का मामला है और किसी मौलाना को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा,

“शमी अपने देश के लिए खेल रहे हैं, और यह उनका राष्ट्रीय कर्तव्य है। धार्मिक कट्टरता को खेल से दूर रखना चाहिए। ऐसे मौलानाओं को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।”

कांग्रेस ने भी शमी का समर्थन किया

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मोहम्मद शमी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान पर मेहनत करने वाले खिलाड़ी का धर्म या रोज़े से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए।

“हम सभी भारत माता के बेटे हैं, और हमारा पहला कर्तव्य अपने देश के लिए काम करना है। मोहम्मद शमी जिस मेहनत और समर्पण के साथ खेल रहे हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है। पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”

शमी के परिवार का जवाब

मोहम्मद शमी के चचेरे भाई मोहम्मद जैद ने इस विवाद को पूरी तरह से निराधार बताते हुए इसे टीआरपी बटोरने का प्रयास कहा। उन्होंने मौलाना के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा,

“हमारे गांव में ऐसे मौलानाओं को कोई नहीं जानता जो बिना पूरी जानकारी के बयान देते हैं। इस तरह की बयानबाजी सिर्फ प्रसिद्धि पाने के लिए की जाती है। ऐसे मौलानाओं को ‘कठमुल्ला’ कहा जा सकता है।”

कोच ने कहा ध्यान देने की जरूरत नहीं

शमी के बचपन के कोच बदरुद्दीन सिद्दीकी ने भी इस विवाद को खारिज करते हुए कहा कि खिलाड़ी को इन चीजों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।

“शमी ने जो किया, वह बिल्कुल सही था। उनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ भारत के लिए खेलने पर होना चाहिए। उन्हें इन विवादों में उलझने की जरूरत नहीं है, बल्कि फाइनल पर फोकस करना चाहिए।”

शमी के भाई ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों का दिया उदाहरण

मोहम्मद शमी के चचेरे भाई डॉ. मुमताज ने भी उनका समर्थन किया और कहा कि कई पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने भी रोजा न रखते हुए मैच खेले हैं, इसलिए इसमें कुछ गलत नहीं है।

“यह कोई नई बात नहीं है। कई पाकिस्तानी खिलाड़ी भी रमज़ान में रोज़ा नहीं रखते और अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते हैं। शमी को बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। मैं उनसे कहूंगा कि वह इन बातों को नजरअंदाज करें और 9 मार्च को होने वाले फाइनल मैच की तैयारी करें।”

क्या है पूरा मामला?

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच चल रहा था, तब मोहम्मद शमी को ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान पानी पीते हुए देखा गया। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद कुछ मौलानाओं ने इसे इस्लामिक शरीयत के खिलाफ बताया।

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) के नियमों के अनुसार, खिलाड़ियों को हाइड्रेटेड रहना जरूरी होता है, खासकर तेज गेंदबाजों के लिए। क्रिकेट में खिलाड़ियों को पानी पीने से रोका नहीं जा सकता, क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य और प्रदर्शन के लिए आवश्यक होता है।

फाइनल मैच पर ध्यान दें

मोहम्मद शमी पर उठे इस विवाद के बीच भारतीय क्रिकेट टीम फाइनल मुकाबले की तैयारी में जुटी हुई है। 9 मार्च को खेले जाने वाले आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला इंग्लैंड से हो सकता है।

शमी के समर्थकों का मानना है कि वह इन विवादों को पीछे छोड़कर अपने प्रदर्शन पर ध्यान दें, ताकि भारत को एक और बड़ी जीत मिल सके।