मशहूर सिंगर-रैपर हनी सिंह के नए गाने “Maniac” ने इंटरनेट पर धूम मचाई, लेकिन इसके साथ ही यह विवादों में भी घिर गया है। बॉलीवुड एक्ट्रेस नीतू चंद्रा ने इस गाने के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उन्होंने गाने को अश्लील बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 7 मार्च को होगी।
गाने में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग
नीतू चंद्रा ने अपनी याचिका में हनी सिंह उर्फ हिर्देश सिंह के गाने “Maniac” पर कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि गाने में महिलाओं को आपत्तिजनक तरीके से पेश किया गया है और उन्हें मात्र सेक्स सिंबल के रूप में दिखाया गया है। उन्होंने गाने में डबल मीनिंग शब्दों के उपयोग को भी अश्लीलता को बढ़ावा देने वाला बताया, जिससे समाज, खासकर बच्चों और महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भोजपुरी गानों पर भी उठाए सवाल
नीतू चंद्रा ने सिर्फ हनी सिंह के गाने ही नहीं, बल्कि भोजपुरी गानों में बढ़ती अश्लीलता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा का गलत उपयोग कर महिलाओं को अस्वीकार्य तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन ऐसे गानों पर किसी तरह की सख्ती नहीं बरती जाती। उन्होंने मांग की कि ऐसे गानों के लिए सख्त गाइडलाइंस बनाई जाएं और इन पर कानूनी कार्रवाई हो।
फूहड़ गानों पर रोक की मांग
नीतू चंद्रा ने कहा कि फूहड़ गाने बिहार की लड़कियों और महिलाओं के लिए समस्या का कारण बन रहे हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राएं सड़क पर सुरक्षित महसूस नहीं करतीं, और यहां तक कि घर में भी टीवी देखने से बचती हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि जिस तरह शराबबंदी कानून महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाया गया था, वैसे ही अश्लील गानों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए।
भोजपुरी भाषा को दिलाया सम्मान
नीतू चंद्रा ने आगे कहा कि उन्होंने भोजपुरी भाषा को देश-विदेश में सम्मान दिलाया है और यह बर्दाश्त नहीं करेंगी कि कोई भाषा का सहारा लेकर महिलाओं पर भद्दे कमेंट्स करे। उन्होंने मांग की कि अश्लील गाने गाने वाले गायकों और रैपर्स के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
70 मिलियन व्यूज के साथ वायरल गाना
हनी सिंह के गाने “Maniac” में अभिनेत्री ईशा गुप्ता नजर आ रही हैं, जिनका ग्लैमरस अंदाज दर्शकों को पसंद आ रहा है। यह गाना 11 दिनों में 70 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है, और इसमें इस्तेमाल की गई भोजपुरी पंक्तियां लोगों की जुबान पर चढ़ चुकी हैं। हालांकि, अब सबकी नजरें पटना हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो 7 मार्च को इस विवाद पर सुनवाई करेगा।