फरीदाबाद से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान ने राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का खुलासा किया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। जांच में पता चला कि अब्दुल दो बार मंदिर की रेकी कर चुका था और उसे हमले के लिए हैंड ग्रेनेड उपलब्ध कराए गए थे। हालांकि, गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ ने उसे वारदात से पहले ही पकड़ लिया।
ISI से संबंध
पूछताछ में अब्दुल ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन और ISI के संपर्क में था। उसके एक खास हैंडलर ने उसे हमले के लिए जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई थी। पुलिस को उसके पास से एक हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ, जो पाकिस्तान से भेजा गया था।
राम मंदिर पर हमले की योजना
अब्दुल को फरीदाबाद में रहकर उचित समय का इंतजार करने को कहा गया था, लेकिन इससे पहले ही वह गिरफ्तार हो गया। पुलिस को संदेह है कि इस साजिश में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, अब्दुल कई कट्टरपंथी संगठनों के संपर्क में था। उसकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है, लेकिन यह स्पष्ट है कि वह बड़े हमले की साजिश में शामिल था।
अब्दुल रहमान का परिवार और पृष्ठभूमि
अब्दुल उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के मंजनाई गांव का निवासी है। उसके पिता के अनुसार, वह पहले रिक्शा चलाता था और हाल ही में दिल्ली में एक धार्मिक जमात में शामिल हुआ था। परिवार ने उसकी गिरफ्तारी को साजिश करार दिया है।
जांच जारी
सुरक्षा एजेंसियां अब्दुल के नेटवर्क और उसके हैंडलर की पहचान करने में जुटी हैं। उनका प्राथमिक उद्देश्य इस आतंकी साजिश के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाना और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।