रमजान का पाक महीना रविवार से शुरू हो गया है, और मुस्लिम समाज के लोग खुदा की इबादत में मशगूल रहेंगे। इस दौरान रोजे रखे जाएंगे और खुदा से रहमत और बरकत की दुआएं मांगी जाएंगी। आज पहला रोजा रखा जा रहा है, जिसके चलते शनिवार को बाजारों में जबरदस्त चहल-पहल देखी गई।
बाजारों में दिखी रौनक, सहरी और इफ्तारी के लिए खरीदारी जोरों पर
रमजान के दौरान सहरी और इफ्तारी की खास अहमियत होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए बाजारों में खास रौनक देखने को मिली। रामगंज, घाट गेट सहित छोटे-बड़े बाजारों में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ी।
खोवा और सेवई की बढ़ी मांग
रमजान में खासतौर पर मिठाइयों और सेवइयों के लिए खोवा (मावा) का अधिक उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ गई है। दुकानदारों ने ग्राहकों की बढ़ती मांग को देखते हुए अधिक मात्रा में स्टॉक कर रखा है।
फेनी, सेवई, खजला जैसी पारंपरिक चीजों की भी जमकर खरीदारी हो रही है। कारोबारियों के अनुसार रमजान में सेवई की विशेष मांग रहती है, इसलिए बाजारों में कई तरह की सेवई उपलब्ध हैं।
सूखे मेवों की बिक्री तेज, दाम स्थिर
रमजान के मौके पर बादाम, पिस्ता, अखरोट, काजू, खजूर और अन्य सूखे मेवों की बिक्री में इजाफा हुआ है। राहत की बात यह है कि ड्राई फ्रूट के दामों में कोई खास बढ़ोतरी नहीं देखी गई।
• बादाम: ₹850-₹900 प्रति किलो
• काजू: ₹1000-₹1100 प्रति किलो
• छोहारा: ₹300-₹400 प्रति किलो
• किशमिश: ₹350-₹500 प्रति किलो
इसके अलावा, पापड़, बेसन, खजला, खोवा और दूध से बने उत्पादों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
खजूर और फलों की बिक्री में उछाल
रमजान में इफ्तारी के समय खजूर खाने की परंपरा है, इसलिए इसकी मांग सबसे अधिक है। बाजारों में ईरानी, अरब और अन्य प्रकार के खजूर उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीदने के लिए ग्राहक उमड़ रहे हैं।
साथ ही, फलों की बिक्री भी बढ़ गई है, क्योंकि इफ्तार के दौरान लोग फलों का सेवन अधिक करते हैं। थोक विक्रेताओं के अनुसार, रमजान में फलों की खपत बढ़ने के कारण पहले से ही आर्डर दिए जा चुके हैं।
रमजान: एक महीना इबादत और त्याग का
रमजान सिर्फ रोजा और इफ्तारी तक सीमित नहीं, बल्कि यह आत्मसंयम, दुआओं और नेक कार्यों का महीना है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद भी बढ़-चढ़कर करते हैं।