दिल्ली में कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले, ओवैसी की एंट्री बिगाड़ सकती है खेल

Spread the love

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार शाम चुनाव प्रचार थम गया। आखिरी दिन भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी। गृहमंत्री अमित शाह ने जंगपुरा, बिजवासन और द्वारका सीट पर रैलियां कर भाजपा के लिए वोट मांगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कालकाजी में रोड शो तो प्रियंका गांधी ने कस्तूरबा नगर और गपुरा में डोर-टू-डोर प्रचार किया। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी कालकाजी और छतरपुर विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लिए वोट मांगे। मतदान बुधवार को होगा।

कई सीटों पर त्रिकोणीय लड़ाई, आप को कड़ी चुनौती

पिछले दो चुनाव भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सिमटे रहे, लेकिन इस बार कांग्रेस के जोर लगाने से कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं। चूंकि दिल्ली में औसतन डेढ़ से दो लाख वोटों की सीटें हैं, ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले में कांटे की टक्कर की संभावना है। पिछले दो चुनावों में जबर्दस्त जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को इस बार कड़ी चुनौती मिल रही है।

केजरीवाल, सिसोदिया और आतिशी की सीट पर कड़ी टक्कर

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट पर उन्हें भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से कड़ी चुनौती मिल रही है। अगर यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ तो पिछली बार 21 हजार से अधिक वोटों से जीते केजरीवाल की सीट फंस सकती है। मुख्यमंत्री आतिशी की सीट कालकाजी पर भाजपा से रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस से अलका लांबा मजबूती से चुनाव लड़ रहीं हैं। यहां भी त्रिकोणीय मुकाबले के आसार है। सीट बदलकर जंगपुरा पहुंचे मनीष सिसोदिया की राह आसान नहीं हैं। यहां उन्हें भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी से कड़ी टक्कर मिल रही है।

ओवैसी की एंट्री बिगाड़ सकती है खेल

2020 के दिल्ली दंगे के प्रभाव वाली दो सीटों- मुस्तफाबाद और ओखला में कुछ अलग ही समीकरण दिख रहे हैं। यहां ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम की एंट्री से आप और कांग्रेस वोटों के बंटवारे से सशंकित हैं। ओखला में आप के अमानतुल्लाह को न केवल भाजपा और कांग्रेस से बल्कि एआईएमआईएम प्रत्याशी शिफा उर रहमान और मुस्तफाबाद में भी ताहिर हुसैन से कड़ी चुनौती मिल रही है।