झारखंड स्वास्थ्य मुख्यालय नामकुम में आयोजित राज्य स्तरीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें पीसी पीएनडीटी एक्ट और राज्य को टीबी मुक्त बनाने के प्रयास शामिल थे।
गुटखा और नशीली दवाओं पर सख्ती का निर्देश
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य में गुटखा और नशीली दवाओं के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि झारखंड में सादा पान मसाला भी प्रतिबंधित किया जाएगा, क्योंकि इसके नाम पर दुकानों में गुटखे की खुलेआम बिक्री हो रही है। मंत्री ने कहा कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से राज्य के युवा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं, जिससे उनका जीवन गलत दिशा में जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।
दवा दुकानों की जांच का आदेश
डॉ. इरफान अंसारी ने निर्देश दिया कि सभी जिलों में दवा दुकानों की गहन जांच शुरू की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी भी क्षेत्र में नशीले पदार्थों की बिक्री होती पाई गई, तो संबंधित सिविल सर्जन और ड्रग इंस्पेक्टर भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे। मंत्री ने कहा कि कई मेडिकल स्टोर्स में नशीले सिरप और स्टेरॉयड बेचे जा रहे हैं, जो युवाओं को नशे की ओर धकेल रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का संकल्प
स्वास्थ्य मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि वे खुद एक डॉक्टर हैं और अच्छी तरह समझते हैं कि नशा किस तरह से युवाओं के स्वास्थ्य को बर्बाद कर रहा है। उन्होंने इसे अपनी नैतिक और संवैधानिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि वे राज्य में नशे के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करेंगे। इसके लिए उन्होंने सभी सिविल सर्जनों को अपने अधिकारों का उपयोग कर कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।
इस बैठक से स्पष्ट है कि झारखंड सरकार राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।