केजरीवाल के बंगले के सौंदर्याकरण पर खर्च हुए हैं 75 से 80 करोड़ रुपयेः सचदेवा

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के सौंदर्यीकरण को लेकर उन पर तगड़ा प्रहार किया और दावा किया कि उनके बंगले पर 75 से 80 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

श्री सचदेवा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) रिपोर्ट से पता चला है कि श्री केजरीवाल ने बेशर्मी से अपने बंगले के सौंदर्यीकरण को आपातकालीन आवश्यकता घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सभी नियमों की अनदेखी करते हुए श्री केजरीवाल और अधिकारियों ने इसकी लागत 7.91 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 8.62 करोड़ रुपये कर दी और बाद में इसे 342 प्रतिशत बढ़ाकर 33.66 करोड़ रुपये कर दिया।

उन्होंने कहा कि 33.66 करोड़ रुपये का खर्च सिर्फ एक आंकड़ा है, और वास्तविक लागत अज्ञात है। सटीक आंकड़ा प्राप्त करने के लिए श्री केजरीवाल के बंगले के लिए बनाई गई सूची को शामिल किया जाना चाहिए, जिसे कभी कैग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि बंगले में अतिरिक्त निर्माण और बदलाव के लिए शुरुआती अनुमान 7.91 करोड़ रुपये खर्च होने का था। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बेवजह इसे आपातकालीन परियोजना घोषित कर दिया और 01 सितंबर, 2020 को कार्य आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि उस समय हम सभी लोग कोविड-19 के प्रभाव से जूझ रहे थे और रोजगार ठप था।

भाजपा नेता ने कहा कि 29 जून, 2022 को, सभी नियमों और विनियमों की अवहेलना करते हुए, अतिरिक्त सौंदर्यीकरण की आड़ में सजावटी कार्यों के लिए एक कार्य आदेश जारी किया गया, जिससे प्रारंभिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ रुपये से बढ़कर 9.34 करोड़ रुपये कर दी गयी।

श्री सचदेवा ने कहा कि प्रारंभिक कार्य आदेशों के बाद बिना किसी औचित्य के मुख्यमंत्री के शीश महल बंगले की लागत 33.71 करोड़ रुपये तक बढ़ गई। कैग की रिपोर्ट में पृष्ठ संख्या 127 से परियोजना सलाहकारों की नियुक्ति, परियोजना लागत के निर्धारण और किश्तों में वृद्धि के बारे में सवाल उठाया गया है। कैग की रिपोर्ट में मुख्यमंत्री के आवास के वर्गीकरण, उसके बाद की श्रेणी में वृद्धि, आपातकालीन आवश्यकता के रूप में घोषणा और कार्य को स्थायी या अस्थायी के रूप में नामित करने पर विशेष रूप से आपत्ति जताई गई है। इसमें स्टाफ ब्लॉक और सर्वेंट क्वार्टर के निर्माण में विसंगतियों को भी उजागर किया गया है। इसके अतिरिक्त, कैग की रिपोर्ट की पृष्ठ संख्या 139 पर दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) और दिल्ली नगर निगम की मंजूरी के बिना इस बंगले के निर्माण के बारे में चिंता जताई है।

श्री सचदेवा ने बताया कि इस बंगले की वास्तविक लागत का सही अनुमान लगाने के लिए विभिन्न विभागों के खातों की जांच करना और 11 अक्टूबर 2024 को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा तैयार की गई सूची को शामिल करना आवश्यक है। इससे पता चलेगा कि श्री केजरीवाल के शीश महल का निर्माण और सजावट अवैध रूप से लगभग 75 से 80 करोड़ रुपये की लागत से की गई थी।