झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार लंबे समय से केंद्र सरकार पर कोयला रॉयल्टी के 1.36 लाख करोड़ रुपए बकाया होने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस देने की मांग कर रही है। साथ ही बकाया राशि को वसूलने को लेकर उसने हाल ही में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। जिसके बाद प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने इस मामले को लेकर हेमंत सरकार पर निशाना साधा है।
मरांडी ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछते हुए कहा कि राज्य की जनता को बकाए से संबंधित सच्चाई जानने का अधिकार है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करते हुए मरांडी ने कहा कि झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपए कोयला रॉयल्टी के दावे पर जनता को सच्चाई जानने का हक है।
झारखंड सरकार से पूछे तीन सवाल
इसके बाद मरांडी ने मुख्यमंत्री और सरकार पर तीन सीधे सवाल दागते हुए पूछा कि सरकार बताए कि यह बकाया किस-किस साल का है और किस-किस योजना/परियोजना का है?
अपने दूसरे सवाल में मरांडी ने सरकार से पूछा कि 1.36 लाख करोड़ रुपए की राशि मांगने का आधार क्या है? वहीं तीसरे सवाल में उन्होंने पूछा कि यूपीए शासनकाल और शिबू सोरेन जी के कोयला मंत्री रहते हुए कितनी राशि वसूली गई थी?
‘मंईयां सम्मान योजना का कनेक्शन तो नहीं’
आगे मरांडी ने लिखा कि ‘बकाया-बकाया का हौव्वा खड़ा कर कहीं राज्य सरकार जानबूझकर आगे मंईयां सम्मान योजना की राशि देने में विफलता के दोषारोपण की भूमिका तो तैयार नहीं कर रही?’ अपनी पोस्ट के अंत में भाजपा ने लिखा, ‘झूठी राजनीति छोड़िए झारखंड के असली मुद्दों पर ध्यान दीजिए।’
इससे पहले झारखंड सरकार ने मंगलवार को केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपए का कोयला बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। सरकार ने इसके लिए राजस्व, पंजीकरण और भूमि सुधार सचिव को अधिकृत करते हुए एक अधिसूचना जारी की।